नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘नवकार महामंत्र दिवस’ के अवसर पर जैन धर्म की आध्यात्मिक विरासत और योगदान को रेखांकित करते हुए एक नई पहल – ज्ञान भारतम मिशन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह मिशन प्राचीन धरोहरों को डिजिटल करके प्राचीनता को आधुनिकता से जोड़ने का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है।
पीएम मोदी ने कहा कि नवकार महामंत्र न केवल आत्मशुद्धि और ध्यान का मार्ग है, बल्कि यह समाज को शांति, समरसता और करुणा की ओर ले जाने वाला सार्वभौमिक मंत्र है।
“नवकार महामंत्र हमारी आस्था का केंद्र है, यह मंत्र स्वयं से लेकर समाज तक सभी को राह दिखाता है।”
आयोजन में 108 से अधिक देशों से लोगों की भागीदारी ने इसे वैश्विक आयाम प्रदान किया, जो भारत की आध्यात्मिक शक्ति का प्रमाण है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि नए संसद भवन में जैन धर्म के प्रतीकों की विशेष उपस्थिति है।
लोकसभा के प्रवेश द्वार पर तीर्थंकर की प्रतिमा, जिसे ऑस्ट्रेलिया से लाया गया है।
संसद परिसर में 24 तीर्थंकरों की प्रतिमाएं।
संविधान गैलरी की छत पर भगवान महावीर की पेंटिंग।
“जैन धर्म की विरासत संसद भवन में लोकतंत्र के मूल्यों के साथ गूंथी गई है।”
पीएम मोदी ने पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों का जिक्र करते हुए ‘टिकाऊ जीवनशैली’ को ही इसका समाधान बताया।
“हमें अपनी नई पीढ़ी को ऐसी दिशा देनी है जिसमें प्रकृति, करुणा और शांति का संतुलन हो।”
उन्होंने 9 संकल्पों को जीवन में अपनाने का आग्रह किया, जो जैन धर्म की शिक्षाओं पर आधारित हैं।
प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि सरकार ‘ज्ञान भारतम मिशन’ शुरू करेगी। इसके तहत:
भारत की प्राचीन धरोहरों का डिजिटलीकरण किया जाएगा
आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मूल्यों को आधुनिक पीढ़ी से जोड़ा जाएगा
वैश्विक मंचों पर भारत की विरासत को प्रस्तुत किया जाएगा
“यह मिशन हमारी परंपरा, संस्कृति और दर्शन को आधुनिक संदर्भ में पुनर्परिभाषित करेगा।”
पीएम मोदी ने कहा कि जैन धर्म जितना वैज्ञानिक है, उतना ही संवेदनशील भी।
इसमें अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांतवाद जैसे मूल सिद्धांत हैं
ये सिद्धांत युद्ध, आतंकवाद और पर्यावरण संकट जैसे वैश्विक मुद्दों का समाधान प्रस्तुत करते हैं
“भारत की पहचान को गढ़ने में जैन धर्म की भूमिका अनमोल रही है।”
कार्यक्रम के दौरान सामूहिक रूप से नवकार महामंत्र का जाप हुआ, जिसमें विश्व कल्याण की कामना की गई।
मंत्र:
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णमो अरिहंताणं ॥ णमो सिद्धाणं ॥ णमो आयरियाणं ॥ णमो उवज्झायाणं ॥ णमो लोए सव्वसाहूणं ॥ एसो पंच नमोक्कारो, सव्व पावप्पणासणो ॥ मंगलाणं च सव्वेसिं, पडमं हवई मंगलं ॥
बिंदु | विवरण |
---|---|
आयोजन | नवकार महामंत्र दिवस |
स्थान | विज्ञान भवन, नई दिल्ली |
नई पहल | ज्ञान भारतम मिशन |
वैश्विक भागीदारी | 108+ देश |
प्रमुख वक्तव्य | पीएम नरेंद्र मोदी |
प्रधानमंत्री मोदी की ‘ज्ञान भारतम मिशन’ की पहल भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक गौरव को तकनीक और आधुनिकता से जोड़ने का एक बड़ा कदम है। जैन धर्म की विरासत को राष्ट्रीय पहचान के साथ जोड़ना भारत की एकात्म संस्कृति और समावेशी दृष्टिकोण को और सशक्त बनाता है।
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