लखनऊ : अब डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का प्रकोप सिर्फ मानसून सीज़न तक ही सीमित नहीं रहा। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ की माइक्रोबायोलॉजी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2024 में मलेरिया नौ महीने और डेंगू बारहों महीने सामने आता रहा। रिपोर्ट बताती है कि मच्छरों की सक्रियता अब मौसम से नहीं, परिस्थितियों से जुड़ी है, और वह अब सालभर बने रहने लगी है।
विभागाध्यक्ष प्रो. ज्योत्सना अग्रवाल के अनुसार:
“अब डेंगू और मलेरिया मौसम आधारित बीमारियां नहीं रहीं। मच्छर पूरे साल पनप रहे हैं, इसलिए इनसे जुड़ा खतरा भी हर मौसम में बना रहता है।”
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि अपने घरों और आसपास की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें ताकि मच्छरों के प्रजनन को रोका जा सके।
माह | डेंगू | मलेरिया |
---|---|---|
जनवरी | 5 | 0 |
फरवरी | 2 | 0 |
मार्च | 3 | 0 |
अप्रैल | 2 | 1 |
मई | 1 | 5 |
जून | 3 | 12 |
जुलाई | 3 | 12 |
अगस्त | 10 | 17 |
सितंबर | 143 | 55 |
अक्टूबर | 302 | 11 |
नवंबर | 132 | 5 |
दिसंबर | 12 | 1 |
उल्लेखनीय बात:
अक्टूबर में डेंगू के सबसे ज्यादा 302 मरीज
सितंबर में मलेरिया के 55 मरीज
पानी जमा न होने दें
पानी की टंकियों को ढककर रखें
नारियल के खोल, पुराने टायर, कबाड़ में पानी जमा न हो
फूलदान व बर्ड बाथ का पानी हर हफ्ते बदलें
मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
फुल आस्तीन के कपड़े पहनें
मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का प्रयोग करें
विशेषज्ञों की मानें तो जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और जागरूकता की कमी की वजह से अब ये बीमारियां केवल सीज़नल नहीं रहीं।
“हमें हर महीने सतर्क रहने की जरूरत है, न कि केवल मानसून में।”
डेंगू और मलेरिया अब केवल बरसात की सौगात नहीं रहे। बदलते मौसम और जीवनशैली के चलते इन बीमारियों का खतरा सालभर बना रहता है। ऐसे में ज़रूरत है नियमित सतर्कता और साफ-सफाई की। समय रहते रोकथाम और जागरूकता ही इन बीमारियों से बचाव का सबसे कारगर उपाय है।
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