राजस्थान : में लगातार बढ़ती गर्मी के बीच पेयजल संकट लोगों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। हालात ऐसे हैं कि कई क्षेत्रों में लोग पानी की कमी को लेकर आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे हैं। इन हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर कड़ी चेतावनी जारी की है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि 15 मई 2025 तक
सभी हैंडपंप और नलकूपों की मरम्मत
नई पाइपलाइन बिछाने
पेयजल आपूर्ति को दुरुस्त करने
जैसे सभी जरूरी कार्य हर हाल में पूरे कर लिए जाएं।
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि फील्ड अधिकारी और कर्मचारी मुख्यालय पर ही उपस्थित रहें, बिना अनुमति के कोई भी अधिकारी मुख्यालय न छोड़े। अंतिम छोर के उपभोक्ताओं तक भी पानी पहुंचे, यह सुनिश्चित करना प्राथमिकता है।
सरकार ने
ग्रामीण क्षेत्रों में 142 करोड़ रुपए के 1244 कार्य
शहरी क्षेत्रों में 68 करोड़ रुपए के 153 कार्य
को मंजूरी दी है।
इसके साथ ही
टैंकर से जल आपूर्ति के लिए
ग्रामीण इलाकों में 82 करोड़
शहरी इलाकों में 25 करोड़ रुपए
की राशि जारी की गई है।
सीएम ने बताया कि जल जीवन मिशन (JJM) की समयसीमा को केंद्र सरकार ने 2028 तक बढ़ा दिया है।
अप्रैल माह में 5000 करोड़ रुपए के वर्क ऑर्डर जारी किए जाएंगे।
साथ ही, संचालन एवं संधारण नीति भी जल्द जारी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि
सभी जिलों में स्थापित कंट्रोल रूम्स के नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार हो।
इन नंबरों पर आने वाली शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए।
हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जैसे जिलों में नहरबंदी के दौरान पेयजल संकट ना हो, इसके लिए सीएम ने जल भंडारण की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पहले महीने में आंशिक क्लोजर रखा गया है और आवश्यकतानुसार पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
राजस्थान सरकार ने इस बार गर्मी से पहले ही सख्त एक्शन प्लान लागू किया है। अब देखना यह होगा कि 15 मई तक ज़मीनी स्तर पर कितनी प्रभावी कार्रवाई होती है और आम जनता को राहत मिलती है या नहीं।
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