राजस्थान : के प्रतापगढ़ जिले के कंठार गांव में खेत में भीषण आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड की घोर लापरवाही सामने आई है।
घटना के दौरान कई बार कॉल करने के बावजूद कोई दमकल वाहन मौके पर नहीं पहुंचा।
ग्रामीणों ने खुद जान जोखिम में डालकर पानी की बाल्टियों, पाइपों और ट्रैक्टर टंकियों से आग पर काबू पाया।
यह आग बिजली के पोल गिरने से हुए शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी।
घटना शुक्रवार दोपहर की है, जब गांव में लगे एक बिजली के पोल के गिरने से शॉर्ट सर्किट हुआ और उससे पास के खाली गेहूं के खेत में आग लग गई।
खेतों में हाल ही में कटाई हुई थी और पराली फैली हुई थी, जिस कारण आग ने तेजी से विकराल रूप ले लिया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना के तुरंत बाद फायर ब्रिगेड को कई बार फोन किया गया, लेकिन कोई सहायता नहीं पहुंची।
गांव के युवाओं और किसानों ने खुद ही आग बुझाने का जिम्मा उठाया।
उन्होंने पानी की बाल्टियां, पाइप और ट्रैक्टर की टंकियों की मदद से लगातार 4 घंटे तक मशक्कत कर किसी तरह आग पर काबू पाया।
घटना को लेकर ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।
उन्होंने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब मदद नहीं मिली।
कुछ समय पहले राजपुरिया गांव में भी चारे में लगी आग के वक्त दमकल नहीं पहुंची थी।
ग्रामीणों ने फायर ब्रिगेड विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं और मांग की है कि गांवों के लिए विशेष फायर यूनिट बनाई जाए।
प्रतापगढ़ के कंठार गांव की यह घटना न केवल दमकल विभाग की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस तरह ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर प्रकृति और संपत्ति की रक्षा करते हैं।
जरूरत है कि सरकार और प्रशासन गांवों में आपातकालीन सेवाओं को प्राथमिकता दे और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए।
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