राजस्थान : के झुंझुनूं जिले में स्थित खेतड़ी तहसील के दूधवा गांव में खनन कार्य से परेशान ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खनन के दौरान हो रही हैवी ब्लास्टिंग से उनके घरों में दरारें आ गई हैं, यहां तक कि पत्थर उड़कर घरों के अंदर तक गिर रहे हैं।
स्थिति इतनी गंभीर है कि कई बच्चे और महिलाएं घायल हो चुके हैं।
अब ग्रामीणों ने गांव खाली करने या एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना देने की चेतावनी दी है।
दूधवा गांव की आबादी लीज क्षेत्र से सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर स्थित है।
ग्रामीणों के अनुसार, दिन-रात दोनों समय खनन कार्य और ब्लास्टिंग होती रहती है, जिससे शांति पूरी तरह भंग हो चुकी है।
रात के समय ब्लास्टिंग से नींद में बाधा आती है, बुजुर्गों और बच्चों में भय का माहौल है।
पत्थर गिरने से घायल होने की घटनाएं आम हो गई हैं।
गांववासियों ने खनन क्षेत्र के बाहर प्रदर्शन करते हुए प्रशासन से तत्काल खनन बंद करवाने की मांग की।
उनका आरोप है कि लीज धारक और उसके कर्मचारी समाधान की बजाय धमकियां देते हैं।
कई बार प्रशासन को शिकायत दी गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वो गांव छोड़ने को मजबूर होंगे या प्रशासनिक कार्यालय के बाहर धरना देंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि खनन माफिया को प्रशासन का अप्रत्यक्ष समर्थन मिल रहा है, तभी रात में भी अवैध रूप से ब्लास्टिंग की जा रही है।
हालांकि ग्रामीणों की ओर से बार-बार रात के समय ब्लास्टिंग रोकने की मांग की गई है, लेकिन उसे नजरअंदाज किया गया।
दूधवा गांव के हालात चिंताजनक हैं, जहां खनन ने लोगों की नींद, सुरक्षा और शांति तीनों को छीन लिया है।
ग्रामीणों की चेतावनी के बाद अब प्रशासन की अगली कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।
क्या प्रशासन खनन माफिया पर कार्रवाई करेगा या ग्रामीणों को अपना गांव छोड़ना पड़ेगा?
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