जयपुर : की कोतवाली थाना पुलिस ने दो शातिर वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है, जो पहले अलवर जेल से फरार हो चुके हैं। इन बदमाशों का तरीका बेहद चौंकाने वाला है—ये ‘ऑन डिमांड’ वाहन चोरी करते थे और फिर उन्हें बेहद कम दाम में बेच देते थे। चोरी से मिली रकम का इस्तेमाल ये अपने नशे और महंगे शौकों को पूरा करने में करते थे।
पुलिस को कुछ दिनों से लगातार वाहन चोरी की शिकायतें मिल रही थीं। जांच के दौरान तकनीकी निगरानी और मुखबिर की सूचना से इन शातिर चोरों तक पहुंच बनाई गई।
दोनों आरोपियों की पहचान और आपराधिक रिकॉर्ड की पुष्टि के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। पुलिस को पूछताछ में पता चला कि एक आरोपी अलवर जेल से फरार था।
पुलिस की मानें तो आरोपी सिर्फ ऐसे ही नहीं घूमते थे, बल्कि उनके पास 'क्लाइंट्स' की मांग आती थी—कि किस इलाके से, किस मॉडल की बाइक या स्कूटी चाहिए। उसी आधार पर ये वारदात को अंजाम देते और फिर वाहन को 3-5 हजार रुपये में बेच देते।
गिरफ्तार आरोपियों ने कबूल किया है कि नशे की लत और ऐश की जिंदगी जीने के लिए उन्होंने चोरी की दुनिया को अपनाया। पहले छोटी-मोटी चोरी करते थे, फिर बड़े नेटवर्क में जुड़ गए।
पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर रही है कि उन्होंने कितने वाहन चोरी किए, कहां-कहां बेचे और किन लोगों से संपर्क था। साथ ही ऑन डिमांड चोरी करने वाले इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश भी जारी है।
यह मामला बताता है कि किस तरह अपराधी अब ‘ऑन डिमांड’ सिस्टम में काम करने लगे हैं, और उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस को तकनीकी संसाधनों के साथ स्मार्ट इन्वेस्टिगेशन की जरूरत होती है।
कोतवाली थाना पुलिस की यह कार्रवाई सराहनीय है और शहर में अपराध नियंत्रण के लिए एक अहम कदम मानी जा रही है।
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