जयपुर : राजस्थान विधानसभा में माफी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सदन में बुधवार को दिनभर चले नाटकीय घटनाक्रम के दौरान सुलह की संभावनाएं बनती दिखीं, लेकिन ऐन वक्त पर मामला फिर उलझ गया। प्रश्नकाल से शुरू हुआ हंगामा पूरे दिन जारी रहा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
सुबह की कार्यवाही के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। दोपहर दो बजे जब सदन दोबारा शुरू हुआ, तब तक सभी पक्षों के बीच सुलह की उम्मीद थी। लेकिन मामला इस पर अटक गया कि पहले माफी कौन मांगे।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा को विशेष अनुमति देते हुए सदन में खेद जताने को कहा। लेकिन डोटासरा इस शर्त पर अड़ गए कि पहले सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत को माफी मांगनी होगी। उन्होंने कहा, "मैं खेद जताने को तैयार हूं, लेकिन पहले यह स्पष्ट होना चाहिए कि विवाद की शुरुआत कहां से हुई। पहले मंत्री खेद प्रकट करें, फिर मैं अपनी बात रखूंगा।"
इस पर स्पीकर ने कहा कि "जो सहमति मेरे चैंबर में बनी थी, वही आपको सदन में भी कहनी होगी। आसन का अपमान करने के लिए आपको खेद जताना चाहिए।" इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि "स्पीकर के चैंबर में यह तय हुआ था कि डोटासरा आसन का अपमान करने के लिए माफी मांगेंगे।"
हालांकि, डोटासरा इस पर अड़ गए कि जब तक सरकार के मंत्री माफी नहीं मांगते, वे भी खेद प्रकट नहीं करेंगे। इस टकराव के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने एक बार फिर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
विधानसभा में जारी इस गतिरोध से स्पष्ट है कि सत्ता और विपक्ष के बीच सियासी खींचतान अभी थमने वाली नहीं है। अब देखना होगा कि अगले सत्र में यह विवाद सुलझता है या और गहराता है।
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