जयपुर: राजस्थान सरकार की पालनहार योजना में अनाथ और बेसहारा बच्चों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता के भुगतान में देरी हो रही है। बीते छह महीनों में 40 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अब तक लाभार्थियों तक नहीं पहुंची है। यह जानकारी सरकार ने विधानसभा में विधायक मनीष यादव के सवाल के जवाब में दी।
विधानसभा में खुलासा:
विधानसभा में शुक्रवार को विधायक मनीष यादव ने पालनहार योजना के तहत लंबित भुगतानों को लेकर सवाल किया, जिस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से बताया गया कि इस योजना के तहत राज्य में कुल 6,15,000 से अधिक बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। हालांकि, जुलाई 2023 से दिसंबर 2023 तक लाखों बच्चों को समय पर भुगतान नहीं किया जा सका है।
कितना भुगतान लंबित:
जुलाई: 2807 बच्चों को 1.17 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हुआ।
सितंबर: 20,735 बच्चों के 3.08 करोड़ रुपये अटके।
अक्टूबर: 1,04,515 बच्चों को 15.47 करोड़ रुपये नहीं मिले।
नवंबर: 1,12,828 बच्चों के 16.78 करोड़ रुपये लंबित।
दिसंबर: 24,061 बच्चों के 3.65 करोड़ रुपये रुके हुए।
क्या है पालनहार योजना?
पालनहार योजना राजस्थान सरकार द्वारा संचालित एक कल्याणकारी योजना है, जो अनाथ, बेसहारा और असहाय बच्चों की देखभाल और शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत, अनाथ बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी परिवार के किसी करीबी रिश्तेदार या संरक्षक को दी जाती है, जिसे सरकार आर्थिक सहायता देती है।
योजना के तहत मिलने वाली सहायता:
5 साल तक के बच्चों को हर महीने 500 रुपये।
स्कूल में दाखिले के बाद 18 साल तक के बच्चों को हर महीने 1,000 रुपये।
वार्षिक रूप से वस्त्र, जूते, स्वेटर आदि के लिए 2,000 रुपये।
योजना के लिए पात्रता:
पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
2 साल की उम्र तक बच्चे को आंगनबाड़ी में भेजना अनिवार्य है।
6 साल की उम्र में स्कूल में दाखिला लेना जरूरी है।
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़:
भामाशाह कार्ड
बच्चों का अध्ययन प्रमाण पत्र
आधार कार्ड
मूल निवास प्रमाण पत्र
कैसे करें आवेदन?
पालनहार योजना के लिए आवेदन ई-मित्र कियोस्क के माध्यम से किया जा सकता है। इसके लिए पालनहार योजना पोर्टल पर लॉगिन आईडी और पासवर्ड डालकर आवेदन जमा करना होता है।
सरकार से समाधान की मांग
विधायक मनीष यादव ने विधानसभा में सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द लंबित राशि का भुगतान किया जाए, ताकि अनाथ और जरूरतमंद बच्चों को समय पर सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करना है, और सरकार को इसमें किसी भी तरह की देरी नहीं करनी चाहिए।
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