गुजरात : के सूरत में स्थित शिवशक्ति टेक्सटाइल मार्केट में लगी भीषण आग ने सैकड़ों व्यापारियों के वर्षों की मेहनत को राख में बदल दिया। इस भयावह अग्निकांड में करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। आग इतनी भीषण थी कि इसे बुझाने के लिए 30 दमकल गाड़ियों और सैकड़ों दमकल कर्मियों को लगभग 30 घंटे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
सूरत का यह कपड़ा बाजार राजस्थान के करीब 800 व्यापारियों के लिए आजीविका का केंद्र था। इस अग्निकांड में उनकी दुकानों में रखा करोड़ों रुपये का कैश, लाखों मीटर कपड़ा स्टॉक, लैपटॉप, कंप्यूटर और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए। इस हादसे में दम घुटने से एक व्यापारी की मौत भी हो गई। व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने वर्षों की मेहनत से कारोबार खड़ा किया था, लेकिन एक ही रात में सब कुछ खत्म हो गया।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को पत्र लिखकर राजस्थान के प्रभावित व्यापारियों को राहत देने की मांग की है। गहलोत ने कहा, "25 फरवरी को सूरत स्थित शिवशक्ति टेक्सटाइल मार्केट में लगी आग से सैकड़ों व्यापारियों का बड़ा नुकसान हुआ है। इस घटना ने उनकी आजीविका पर संकट खड़ा कर दिया है। मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इन व्यापारियों की समुचित मदद की जाए, जिससे वे फिर से अपने कारोबार को खड़ा कर सकें।"
उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी अपील की कि वे गुजरात सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर प्रभावित व्यापारियों की सहायता सुनिश्चित करें।
इस अग्निकांड के बाद राजस्थान युवा संघ और जिला कांग्रेस कमेटी ने प्रभावित व्यापारियों के लिए राहत की मांग की है। एसजीटीटीए मार्केट के अन्य व्यापारियों ने भी हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। एक स्थानीय बिल्डर ने अपने मार्केट में व्यापारियों को एक साल तक मुफ्त दुकानें देने की घोषणा की है, जिससे वे दोबारा अपना कारोबार शुरू कर सकें।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह मार्केट की बेसमेंट में आग लगी, जहां कपड़ों का भारी स्टॉक रखा हुआ था। दमकल विभाग ने इसे बुझा लिया था, लेकिन बुधवार सुबह आग फिर से भड़क उठी और पूरी चार मंजिला इमारत में फैल गई। इसने विकराल रूप धारण कर लिया, जिससे सैकड़ों दुकानें जलकर खाक हो गईं।
इस घटना में कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई, लेकिन एक व्यापारी की दम घुटने से मौत हो गई, जिससे व्यापारियों में आक्रोश और निराशा है। प्रभावित व्यापारियों ने सरकार से आर्थिक सहायता और पुनर्वास की व्यवस्था करने की मांग की है। वे चाहते हैं कि सरकार उन्हें टैक्स छूट और ब्याज मुक्त लोन देकर फिर से कारोबार शुरू करने में मदद करे।
इस घटना ने न केवल व्यापारियों को भारी आर्थिक क्षति पहुंचाई है, बल्कि सरकार की आपदा प्रबंधन व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन प्रभावित व्यापारियों के पुनर्वास के लिए क्या कदम उठाते हैं।
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