जयपुर : जल संकट से निपटने और किसानों को राहत देने के उद्देश्य से जयपुर के किसान संघ ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर बड़ा कदम उठाया है। किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल ने जयपुर जिले के 20 प्रमुख बांधों को ईआरसीपी से जोड़ने की मांग करते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। किसानों का कहना है कि इस परियोजना से जुड़ने से जल संकट का समाधान होगा और खेती को बढ़ावा मिलेगा।
किसान संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि जयपुर जिले में कई छोटे और बड़े बांध हैं, लेकिन पानी की कमी के कारण वे पूरी क्षमता से उपयोग में नहीं आ पाते। ईआरसीपी के जरिए इन बांधों को जोड़ा जाए तो जयपुर समेत पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में जल समस्या का स्थायी समाधान निकल सकता है।
किसानों का कहना है कि जयपुर समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। बारिश के अभाव में बांधों में पानी नहीं टिकता, जिससे सिंचाई की समस्या बढ़ जाती है। इस कारण किसानों को खेती छोड़ने तक की नौबत आ रही है। अगर सरकार ईआरसीपी के माध्यम से इन बांधों में जल आपूर्ति सुनिश्चित करे तो कृषि उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को राहत मिलेगी।
कलेक्टर ने किसान संघ के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को उचित स्तर पर भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार की प्राथमिकता में है और इस संबंध में उचित कदम उठाए जाएंगे।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) राजस्थान के 13 जिलों में जल संकट को दूर करने के लिए बनाई गई एक महत्वाकांक्षी योजना है। यह योजना चंबल नदी के अतिरिक्त पानी को संग्रहित कर विभिन्न जिलों में जल आपूर्ति करने का लक्ष्य रखती है। अगर जयपुर के बांधों को इस योजना से जोड़ा जाता है, तो न केवल जल संकट खत्म होगा बल्कि किसानों को भी सीधा फायदा मिलेगा।
अगर उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो किसान संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि जयपुर समेत अन्य जिलों में भी बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा ताकि सरकार इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान दे।
जल संरक्षण और सिंचाई की बेहतर व्यवस्था के लिए यह मांग कितनी प्रभावी होगी, यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा, लेकिन किसान संघ की इस पहल ने जल संकट को लेकर एक नई बहस जरूर छेड़ दी है।
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