जयपुर: राजस्थान में सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है। इंटेलिजेंस एजेंसियों ने एक रेलवे कर्मचारी को गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी कर रहा था। उसे एक पाकिस्तानी युवती ने हनीट्रैप में फंसाया और धीरे-धीरे भारतीय रेलवे से जुड़ी संवेदनशील जानकारी हासिल करवाई। बदले में उसे मोटी रकम भी दी जा रही थी।
कैसे पकड़ा गया आरोपी?
- आरोपी अजमेर रेलवे डिविजन में कार्यरत था।
- इंटेलिजेंस एजेंसियों को सूचना मिली थी कि एक रेलवे कर्मचारी सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान से संपर्क में है।
- उसकी गतिविधियों पर नजर रखी गई, तो पता चला कि वह कुछ संदिग्ध लोगों से लगातार संपर्क में है और रेलवे से जुड़ी संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा है।
- गुप्त रूप से उसकी फोन कॉल्स और सोशल मीडिया चैट्स को ट्रैक किया गया।
- जब पुष्टि हो गई कि वह ISI के लिए काम कर रहा है, तब इंटेलिजेंस एजेंसी ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
कैसे फंसा हनीट्रैप में?
- पाकिस्तान की एक युवती ने उसे सोशल मीडिया पर फंसाया।
- पहले दोस्ती की, फिर धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ाई गईं।
- आरोपी को लुभावने ऑफर और पैसों का लालच दिया गया।
- बदले में उसने रेलवे के मूवमेंट, ट्रेन ऑपरेशन, संवेदनशील ठिकानों और अन्य गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजनी शुरू कर दीं।
- यह सिलसिला कई महीनों तक चलता रहा, लेकिन अंत में इंटेलिजेंस एजेंसियों ने उसकी करतूत पकड़ ली।
कौन-कौन सी जानकारी भेज रहा था?
- सेना के मूवमेंट से जुड़ी जानकारी।
- रेलवे के महत्वपूर्ण स्थानों और उनकी सुरक्षा व्यवस्था की डिटेल।
- ट्रेनों के टाइम टेबल और उनके रूट की जानकारी।
- भारतीय रेलवे के आंतरिक ऑपरेशन से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज।
कहां-कहां तक हो सकती थी नुकसान की साजिश?
- रेलवे को लेकर ISI की यह जासूसी भारत की सुरक्षा के लिए बेहद गंभीर खतरा हो सकता था।
- यह सूचनाएं दुश्मन देश को भारतीय सेना की मूवमेंट और रणनीति की जानकारी दे सकती थीं।
- महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों और पुलों पर किसी बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम देने की योजना हो सकती थी।
- समय रहते इंटेलिजेंस एजेंसियों ने आरोपी को पकड़कर बड़े खतरे को टाल दिया।
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ जारी
- इंटेलिजेंस एजेंसियां अब आरोपी से पूछताछ कर रही हैं।
- यह पता लगाया जा रहा है कि क्या उसने किसी और को भी इस नेटवर्क में शामिल किया था।
- उसके बैंक अकाउंट और पैसों के ट्रांजैक्शन की जांच की जा रही है।
- इस पूरे मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की गहरी साजिश सामने आई है।
इससे क्या सीखने की जरूरत?
- सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती करने में सतर्कता बरतें।
- अगर कोई व्यक्ति संवेदनशील सूचनाएं मांग रहा हो, तो तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।
- सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी दें।
- देश विरोधी तत्वों की पहचान करके उन्हें समय रहते रोकना जरूरी है।
निष्कर्ष
यह घटना साफ दिखाती है कि दुश्मन देश किस तरह भारतीय नागरिकों को हनीट्रैप में फंसाकर संवेदनशील सूचनाएं हासिल करने की कोशिश कर रहा है। समय रहते इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस मामले को पकड़कर बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। अब आगे की जांच से यह साफ होगा कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है और आरोपी ने कितनी जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाई थी।