उदयपुर: मध्य प्रदेश (MP) के कुछ मजदूरों ने राजस्थान के उदयपुर में मेहनत-मजदूरी कर अपना घर चलाने की कोशिश की, लेकिन अब वे अपने हक के पैसे के लिए भूख हड़ताल पर बैठे हैं। मजदूरों का आरोप है कि उन्होंने 51 लाख रुपये का काम किया, लेकिन ठेकेदार ने उन्हें सिर्फ 4 लाख रुपये ही दिए। बकाया रकम न मिलने से मजबूर होकर मजदूरों ने अपने परिवार के साथ अनशन शुरू कर दिया, जिससे एक गर्भवती महिला की तबीयत भी बिगड़ गई।
मध्य प्रदेश के इन मजदूरों को राजस्थान के उदयपुर में एक निर्माण परियोजना के लिए काम पर रखा गया था। मजदूरों के अनुसार, उन्होंने कुल 51 लाख रुपये का काम किया, लेकिन भुगतान के नाम पर ठेकेदार ने मात्र 4 लाख रुपये ही दिए। जब मजदूरों ने अपनी मेहनत की पूरी मजदूरी मांगी, तो ठेकेदार ने उन्हें टालना शुरू कर दिया।
अपने हक की मांग को लेकर मजदूरों ने परिवार समेत भूख हड़ताल शुरू कर दी। इस दौरान एक गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ गई, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते परिवार इलाज भी नहीं करवा पा रहा है। मजदूरों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
भूख हड़ताल पर बैठे मजदूरों का कहना है कि जब तक उन्हें उनकी पूरी मजदूरी नहीं मिल जाती, वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। इस मुद्दे पर स्थानीय प्रशासन ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
बिना मजदूरी के परेशान मजदूर अपने परिवार के साथ धरने पर बैठे हैं और न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। इस मामले ने एक बार फिर से मजदूरों के शोषण और उनके अधिकारों के हनन का मुद्दा उजागर कर दिया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए क्या कदम उठाता है।
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