जयपुर: राजस्थान के एक बिजनेसमैन से 2 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में चौंकाने वाला मोड़ आ गया है। जब पीड़ित व्यापारी ने पुलिस से सुरक्षा मांगी, तो उसे सुरक्षा देने के बदले 76 लाख रुपये का बिल थमा दिया गया। इस पर पीड़ित ने कहा, "अगर मेरे पास इतने पैसे होते, तो पुलिस के पास क्यों जाता? पहले ही बता देते कि सुरक्षा मुफ्त नहीं मिलेगी!"
जयपुर के एक बड़े बिजनेसमैन को एक कुख्यात गैंगस्टर ने फोन कर 2 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी। धमकी दी गई कि अगर रकम नहीं दी गई, तो उसे और उसके परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। डर के मारे व्यापारी ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और सुरक्षा की मांग की।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए व्यापारी को सुरक्षा देने की सहमति जताई, लेकिन कुछ दिन बाद उसे 76 लाख रुपये का बिल थमा दिया गया। यह बिल सुरक्षाकर्मियों और अन्य सुरक्षा इंतजामों के लिए था। पुलिस का कहना है कि सरकारी नियमों के तहत कुछ मामलों में सुरक्षा शुल्क लिया जाता है।
व्यापारी ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा, "मैं पुलिस के पास न्याय की उम्मीद लेकर गया था, लेकिन उन्होंने मुझे ही आर्थिक बोझ में डाल दिया। अगर पुलिस को सुरक्षा के लिए पैसे ही चाहिए थे, तो मुझे पहले बता देना चाहिए था। मैं पहले से ही एक गैंगस्टर की धमकियों से परेशान हूं, अब पुलिस के इस रवैए ने मेरी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।"
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वीआईपी या उच्च जोखिम वाले मामलों में सुरक्षा देने के लिए एक शुल्क निर्धारित होता है। "अगर किसी को विशेष सुरक्षा चाहिए, तो उसके लिए सरकार की ओर से शुल्क लिया जाता है। यह नियम हर नागरिक पर लागू होता है," पुलिस अधिकारी ने कहा।
व्यापारी ने इस मामले को लेकर सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है और पुलिस द्वारा लगाए गए शुल्क को वापस लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें उचित सुरक्षा नहीं मिली, तो वे मुख्यमंत्री से मिलकर न्याय की गुहार लगाएंगे।
अब देखना होगा कि सरकार इस मामले पर क्या फैसला लेती है और पीड़ित व्यापारी को न्याय मिलता है या नहीं।
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