जयपुर: लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत में लोकतंत्र कोई नई चीज नहीं है, बल्कि यह सदियों से हमारे शासन का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि राजा-महाराजाओं के समय भी लोकतंत्र की परंपराएं थीं, जो हमारे इतिहास और संस्कृति में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं।
अपने संबोधन में बिड़ला ने बिना किसी का नाम लिए मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का सही अर्थ है जनता के हित में काम करना, न कि केवल सत्ता बनाए रखना। उनके इस बयान को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार पर तंज के रूप में देखा जा रहा है।
लोकसभा स्पीकर ने कहा कि भारत में लोकतंत्र केवल 1947 के बाद नहीं आया, बल्कि यह हमारी परंपरा का हिस्सा रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि प्राचीन समय में भी गणराज्य हुआ करते थे, जहां राजा जनता की राय के आधार पर शासन करते थे।
बिड़ला ने कहा कि लोकतंत्र में विचारों का मतभेद हो सकता है, लेकिन राजनीति में नैतिकता और आदर्शों की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने नेताओं से अपील की कि वे जनता के विश्वास को बनाए रखें और लोकतंत्र की मर्यादा का पालन करें।
बिड़ला के इस बयान के बाद राजस्थान की राजनीति में हलचल मच गई है। कई विश्लेषकों का मानना है कि उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से राज्य सरकार की नीतियों और निर्णय लेने की शैली पर सवाल उठाए हैं।
स्पीकर ने कहा कि लोकतंत्र का असली मतलब जनता की सेवा करना है, न कि केवल सत्ता में बने रहना। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे जागरूक बनें और सही नेतृत्व को चुने।
राजस्थान में आगामी चुनावों को देखते हुए बिड़ला का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह विपक्ष के लिए एक बड़ा संकेत है कि वे सरकार की नीतियों पर सवाल उठा सकते हैं और लोकतंत्र को जनता के करीब लाने की कोशिश कर सकते हैं।
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