जयपुर : राजस्थान की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विधानसभा में विपक्षी नेताओं की भूमिका को लेकर नए सियासी समीकरण बनते दिख रहे हैं। कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस नेता सचिन पायलट को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि "आजकल सचिन पायलट की नजर नेता प्रतिपक्ष के पास वाली कुर्सी पर है।" यह बयान जयपुर में संविधान क्लब (Constitution Club) के उद्घाटन कार्यक्रम में दिया गया, जहां पटेल ने विपक्षी नेताओं की गैरमौजूदगी पर भी सवाल उठाए।
मंत्री जोगाराम पटेल के अनुसार, राजस्थान विधानसभा में अब वे चेहरे ज्यादा सक्रिय दिख रहे हैं, जो पहले सदन में ज्यादा नहीं आते थे। उन्होंने कहा, "पहले अशोक चांदना और हरीश चौधरी विधानसभा में ज्यादा नहीं दिखते थे, लेकिन गोविंद सिंह डोटासरा की निष्क्रियता और सचिन पायलट की बढ़ती सक्रियता ने उन्हें भी सदन में आने के लिए मजबूर कर दिया है।"
पटेल ने कहा कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता घंटों बैठकर चर्चा कर रहे हैं और यह संकेत है कि कांग्रेस में कोई बड़ा सियासी तूफान आने वाला है। "यह उस तूफान से पहले की शांति है," उन्होंने कहा।
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की विधानसभा में गैरमौजूदगी को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। डोटासरा, जो पहले सदन में सक्रिय रहते थे, अब सदन से गायब हैं। उनकी गैरमौजूदगी को लेकर भाजपा लगातार हमलावर है और कांग्रेस के अंदर भी इस पर चर्चा हो रही है।
कुछ दिनों पहले मंत्री अविनाश गहलोत ने इंदिरा गांधी को 'दादी' कहकर संबोधित किया था, जिस पर हंगामा मच गया था। कांग्रेस के विरोध के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने गोविंद सिंह डोटासरा समेत छह कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया था। हालांकि, बाद में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने माफी मांगकर मामला शांत कराया और कांग्रेस विधायकों का निलंबन वापस ले लिया गया। इसके बाद से ही डोटासरा सदन से नदारद हैं, जिससे कांग्रेस के अंदर ही कई सवाल उठने लगे हैं।
राजस्थान की राजनीति में लगातार उथल-पुथल मची हुई है। सचिन पायलट की बढ़ती सक्रियता, डोटासरा की चुप्पी और विधानसभा में नए समीकरणों को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। क्या कांग्रेस में बड़ा फेरबदल होने वाला है? क्या सचिन पायलट कोई नया राजनीतिक कदम उठाने वाले हैं? यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।
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