राजस्थान : माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में इस बार लगातार गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। ताजा मामला बूंदी जिले का है, जहां एक 12वीं कक्षा के छात्र को परीक्षा से वंचित कर दिया गया। इसके विरोध में छात्र ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर अनोखे तरीके से प्रदर्शन किया।
बूंदी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के 12वीं कला वर्ग के छात्र विशाल सैनी को अर्धवार्षिक परीक्षा देने के बावजूद बोर्ड परीक्षा में शामिल होने नहीं दिया गया। गलती से किसी और छात्र के नाम का प्रवेश पत्र दे दिया गया था, जिसे घर जाकर देखने पर उसने गलती पकड़ी। अगले दिन स्कूल में जानकारी देने के बावजूद उसे परीक्षा से वंचित कर दिया गया।
बोर्ड परीक्षा 7 मार्च से शुरू हो चुकी है, लेकिन विशाल सैनी अब तक तीन पेपर नहीं दे सका है। विद्यालय प्रशासन ने पहले उसे दूसरा प्रवेश पत्र दे दिया और बाद में अनुपस्थिति का हवाला देते हुए परीक्षा देने से रोक दिया। अब उसे ओपन बोर्ड से परीक्षा दिलाने का विकल्प दिया जा रहा है।
परीक्षा से वंचित किए जाने के विरोध में छात्र ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर ‘मुर्गा बनकर’ प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की। छात्र के पिता देवराज सैनी ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि अर्धवार्षिक परीक्षा देने के बावजूद उनके बेटे को वार्षिक परीक्षा से रोक दिया गया, जो सरासर अन्याय है।
पूर्व राजस्थान बीज निगम निदेशक चर्मेश शर्मा ने इस घटना को छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से छात्र के लिए विशेष परीक्षा आयोजित करने की मांग की।
इससे पहले भी बूंदी में 10वीं के छात्र कुलदीप सोनी को कम उपस्थिति का हवाला देकर परीक्षा से रोका गया था। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद शिक्षा विभाग को उसे घर से बुलाकर परीक्षा दिलवानी पड़ी थी।
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