राजस्थान : विधानसभा में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और गिग वर्कर्स के अधिकारों को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा के बीच तीखी बहस हुई।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनावी वादों के बावजूद असंगठित श्रमिकों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब गिग वर्कर्स कानून बनाया गया और बजट का प्रावधान भी रखा गया था, लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद अब तक इसे लागू नहीं किया गया।
जूली ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, "घोषणाओं के ढोल पीटने वाली सरकार आज सदन में जवाब देने में विफल रही। मुख्यमंत्री खुद 20 मिनट में सदन से बाहर चले गए, अगर पूरा प्रश्नकाल देखते तो सच्चाई सामने आ जाती।"
उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों से किए गए वादों में से एक भी पूरा नहीं हुआ। जब सरकार से पूछा गया कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ इन श्रमिकों को मिलेगा या नहीं, तो मंत्री कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए।
इस पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि राज्य सरकार गिग वर्कर्स और असंगठित श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार उनके जीवन स्तर को सुधारने और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए काम कर रही है।
गोदारा ने विधानसभा में बताया कि बजट 2025-26 में गिग और असंगठित श्रमिक विकास निधि के तहत 350 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, ई-श्रम पोर्टल पर 1.45 करोड़ से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं और 2.26 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
गिग वर्कर्स कानून को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार इस कानून को लागू नहीं कर रही है, जबकि भाजपा का दावा है कि वह असंगठित श्रमिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है।
अब देखना यह होगा कि सरकार इस दिशा में आगे क्या कदम उठाती है और क्या गिग वर्कर्स को उनके अधिकारों का लाभ मिल पाता है या नहीं।
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