जयपुर: राजस्थान के किसानों को फसल खराब होने की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। एक ओर प्राकृतिक आपदा उनकी मेहनत पर पानी फेर रही है, वहीं दूसरी ओर बीमा कंपनियों की मनमानी उन्हें उचित मुआवजा पाने से वंचित कर रही है। इस मुद्दे को राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक अमित चाचण ने जोर-शोर से उठाया और सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
विधायक चाचण ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए किसानों को फसल बीमा क्लेम में आ रही समस्याओं और अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीमा कंपनियां सेटेलाइट के जरिए नुकसान का गलत आकलन कर रही हैं, जिससे किसानों को उनके हक का मुआवजा नहीं मिल रहा। उन्होंने मांग की कि पारंपरिक क्रॉप कटिंग विधि से फसल नुकसान का आकलन किया जाए, ताकि किसानों को सही मुआवजा मिल सके।
विधायक चाचण ने नोहर में एसडीएम कार्यालय के बाहर किसानों के महापड़ाव का मामला भी सदन में रखा। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों की मांगों को अनसुना कर रही है और उनकी समस्याओं का समाधान निकालने में असफल रही है।
चाचण ने सरकार से मांग की कि बीमा कंपनियों की मनमानी पर तुरंत रोक लगाई जाए और किसानों को उनका वाजिब हक दिलाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। उन्होंने किसानों के महापड़ाव को गंभीरता से लेने और जल्द समाधान निकालने की अपील की।
➡ किसानों के हक के लिए उठी इस आवाज़ से सरकार क्या कदम उठाएगी? यह देखना बाकी है।
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