राजस्थान विधानसभा में हंगामे के बीच भरतपुर-बीकानेर विकास प्राधिकरण विधेयक 2025 पारित, कांग्रेस का वॉकआउट

जयपुर: राजस्थान विधानसभा में बुधवार को भारी हंगामे के बीच भरतपुर और बीकानेर विकास प्राधिकरण विधेयक 2025 पारित कर दिया गया। UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सदन में विधेयक का प्रस्ताव रखा, जिसे बहुमत से मंजूरी मिल गई। हालांकि, कांग्रेस ने इस विधेयक पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे प्रवर समिति में भेजने की मांग की, जिसे सरकार ने खारिज कर दिया। इसके विरोध में कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

कांग्रेस ने उठाए सवाल, सरकार पर लगाए आरोप

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर बिना चर्चा के विधेयक पारित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "सरकार पहले गलती करती है और फिर उस पर पर्दा डालने का प्रयास करती है। यह विधेयक बिना उचित बहस और विचार-विमर्श के लाया गया, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।"

उन्होंने यह भी कहा कि नियमों के अनुसार, किसी भी विधेयक को सदन शुरू होने के 6 सप्ताह के भीतर पेश किया जाना चाहिए था, लेकिन सरकार ने इसे दरकिनार कर दिया और महज एक घंटे में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पारित कर दिए।

"कांग्रेस केवल विकास कार्यों में रोड़े अटका रही है"

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है। उन्होंने कहा, "सरकार राजस्थान के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन कांग्रेस का एजेंडा केवल विकास कार्यों में बाधा डालना रह गया है। उनके पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, इसलिए वे सिर्फ विरोध करने का बहाना ढूंढ रहे हैं।"

पटेल ने कांग्रेस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग भी सदन में रखी।

"जनप्रतिनिधियों की राय लिए बिना फैसला अनुचित"

कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने इस विधेयक को लोकतंत्र के लिए "काला दिन" करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बिना किसी तैयारी के कानून पारित कर रही है और आम जनता के हितों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

वहीं, कांग्रेस विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने इस विधेयक पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इतने महत्वपूर्ण कानून को पारित करने से पहले सभी जनप्रतिनिधियों की राय ली जानी चाहिए थी। कांग्रेस विधायकों ने जोरदार विरोध दर्ज कराते हुए इस पर जनमत संग्रह की मांग की।

सरकार अडिग, विपक्ष हमलावर

सरकार की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया कि यह विधेयक राजस्थान के विकास को गति देने के लिए लाया गया है और कांग्रेस केवल राजनीतिक फायदे के लिए इसका विरोध कर रही है। उधर, कांग्रेस इस विधेयक को लेकर आक्रामक बनी हुई है और इसे लेकर राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।

अब देखना यह होगा कि इस विधेयक को लेकर आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में क्या नया मोड़ आता है।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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