जयपुर: राजस्थान विधानसभा में बुधवार को जल जीवन मिशन से जुड़े सवाल पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हो गई। इस दौरान स्पीकर द्वारा सवाल पर टोकाटाकी करने से नाराज नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
विधानसभा में कांग्रेस विधायक हाकम अली ने पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी से सवाल किया कि जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन डालने के बाद क्षतिग्रस्त सड़क और रैंप की मरम्मत की जिम्मेदारी किसकी है? अगर संबंधित फर्म इसे सही नहीं करती, तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी?
पीएचईडी मंत्री चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि "जल जीवन मिशन में पूरी पारदर्शिता से काम किया जा रहा है। अगर कहीं गड़बड़ी हो रही है तो सीधे मुझसे शिकायत करें, मैं देखूंगा।"
इस पर हाकम अली ने तंज कसते हुए पूछा कि "क्या हर शिकायत के लिए मंत्री को फोन करना होगा, या इसके लिए कोई नोडल एजेंसी है?"
इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि विभाग के संबंधित अधिकारी इसकी शिकायत सुनेंगे, और अगर वे समाधान नहीं करते हैं, तो मेरा मोबाइल नंबर खुला है, कभी भी मैसेज करें।
स्पीकर ने मंत्री के जवाब को पूरा मानते हुए अगला सवाल लिया, लेकिन नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली इससे सहमत नहीं थे और पूरक सवाल पूछने के लिए खड़े हो गए।
स्पीकर ने उन्हें रोका और कहा कि "हर सवाल पर आप पूरक प्रश्न नहीं पूछ सकते।"
इस पर जूली भड़क गए और बोले कि "मंत्री यह नहीं बता रहे कि दोषी ठेकेदारों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?"
स्पीकर ने फिर उन्हें बैठने के लिए कहा, लेकिन जूली स्पीकर के रवैये से नाराज होकर सदन से वॉकआउट कर गए।
कांग्रेस के वॉकआउट के बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल खड़े हुए और कहा कि "मंत्री ने पूरी जानकारी दी थी, लेकिन कांग्रेस की यह परंपरा बन गई है कि हर सवाल में बिना वजह हंगामा किया जाए और सदन में व्यवधान डाला जाए।"
अब देखना होगा कि कांग्रेस इस मुद्दे को आगे कैसे उठाती है और क्या सरकार ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई करती है या नहीं।
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