राजस्थान : के श्रीगंगानगर में 1.05 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने जयपुर के सांगानेर निवासी रवि गुर्जर को गिरफ्तार किया है, जो साइबर अपराधियों के लिए बैंक खातों की सुविधा उपलब्ध करवा रहा था।
साइबर डीएसपी कुलदीप वालिया की टीम ने टेक्निकल रिसोर्सेज के जरिए ठगी में इस्तेमाल हुए बैंक खातों की पहचान की। इसके बाद जयपुर और भोपाल में छापेमारी की गई। जांच के दौरान रवि गुर्जर के खाते में 9.93 लाख रुपये ट्रांसफर होने का पता चला। पूछताछ में रवि ने कबूल किया कि उसने 15,000 रुपये की कमीशन के बदले अपने खाते में ठगी की रकम जमा करवाई थी।
यह ठगी 15 नवंबर 2024 को हुई थी, जब चूनावढ़ निवासी एक व्यक्ति को वीडियो कॉल कर खुद को CBI अधिकारी बताया गया। आरोपियों ने कहा कि उसके बैंक खाते में अवैध धनराशि जमा हुई है और दिल्ली में उसके खिलाफ मामला दर्ज है। 7 साल की सजा का डर दिखाकर ठगों ने पीड़ित को मानसिक दबाव में लिया और "डिजिटल अरेस्ट" कर उसके बैंक खाते की जानकारी हासिल कर ली। इसके बाद 1,05,59,960 रुपये ठगों के खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए।
पुलिस ने ठगी की सूचना मिलते ही कार्रवाई शुरू की और 5 दिसंबर 2024 को जयपुर से मोहित सोनी, अजय प्रजापत और किशनसिंह राजावत को गिरफ्तार कर 5 लाख रुपये वापस दिलवाए। इसके बाद 29 दिसंबर 2024 को भोपाल में छापेमारी कर मास्टरमाइंड पीयूष नायक और ईशान बघेल को गिरफ्तार किया।
पुलिस जांच में सामने आया कि इस गिरोह का मुख्य सरगना भोपाल निवासी पीयूष नायक था। उसने डिजिटल अरेस्ट की इस योजना को अंजाम देने के लिए कई फर्जी बैंक खाते और दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
इस मामले में अब तक 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है और जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
श्रीगंगानगर पुलिस इस पूरे गिरोह को बेनकाब करने में जुटी है और आम जनता को साइबर ठगी से सतर्क रहने की अपील कर रही है।
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