राजस्थान में होली के पर्व पर अनूठे रंग देखने को मिलते हैं। थार, वागड़, मारवाड़, हाड़ौती और ढूंढार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में रंगोत्सव को अलग-अलग अंदाज में मनाया जाता है। हाड़ौती क्षेत्र के झालरापाटन शहर में ‘कपड़ा फाड़ होली’ का खास आयोजन होता है, जिसमें लोग रंग-गुलाल के साथ-साथ एक-दूसरे के कपड़े भी फाड़ देते हैं।
सुबह घर से नए कपड़े पहनकर निकले युवा और बच्चे जैसे ही होली की टोलियों में शामिल होते हैं, वैसे ही रंग-गुलाल के साथ-साथ कपड़े फाड़ने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। खास बात यह है कि जब ये लोग फटे हुए कपड़ों में घर पहुंचते हैं, तो परिजन भी इसका बुरा नहीं मानते।
यहां कपड़ा फाड़ होली का एक अलग ही अंदाज है। इसे टोली बनाकर खेला जाता है। बच्चे और युवा रंगों से सराबोर होकर अलग-अलग टोलियों में पूरे शहर में घूमते हैं। जैसे ही दो टोलियां आमने-सामने होती हैं, वे एक-दूसरे को गुलाल उड़ेलकर होली की बधाइयां देते हैं और फिर कपड़े फाड़ने की मस्ती शुरू हो जाती है।
राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग अंदाज में होली का रंग चढ़ता है। झालरापाटन की ‘कपड़ा फाड़ होली’ जहां युवाओं के जोश और उमंग का प्रतीक है, वहीं यह परंपरा होली के पारंपरिक और मस्तीभरे रंग को दर्शाती है।
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