करौली। भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक जयकृष्ण पटेल को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 20 लाख रुपये की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। विधायक जयकृष्ण पटेल शिकायतकर्ता की माइनिंग कंपनी में पार्टनर बनना चाहता था और इसके लिए उसने माइनिंग व्यवसाय से जुड़ी हर जानकारी जुटा ली थी।
शिकायतकर्ता ने ACB को बताया कि विधायक पटेल ने पहले करौली के माइनिंग इंजीनियर से भी साठगांठ कर रखी थी, ताकि बिजनेस में दबाव बनाया जा सके।
जयकृष्ण पटेल ने करौली माइनिंग इंजीनियर से कहा था, "ये मुझसे मिल लिया है, अब ढील रखना।" इसका मतलब साफ था कि विधायक, इंजीनियर के जरिए शिकायतकर्ता पर दबाव बनाना चाहता था, ताकि वह उसे माइनिंग बिजनेस में पार्टनर बना सके।
इंजीनियर से मिलीभगत: माइनिंग इंजीनियर को भी घूस देने का लालच दिया गया था।
बिजनेस में हिस्सेदारी की चाहत: विधायक चाहता था कि शिकायतकर्ता उसे माइनिंग बिजनेस में साझेदार बनाए।
डील फाइनल करने की कोशिश: शिकायतकर्ता को ब्लैकमेल करने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया गया।
शिकायतकर्ता ने जब विधायक की मांग से तंग आकर ACB से संपर्क किया, तो ACB ने ट्रैप बिछाया।
एंटी करप्शन ब्यूरो की योजना: ACB ने शिकायतकर्ता से घूस की रकम विधायक को देने का नाटक करने को कहा।
रंगे हाथों गिरफ्तारी: जैसे ही विधायक जयकृष्ण पटेल ने 20 लाख रुपये की रिश्वत ली, ACB टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
ब्यूरो के पास ऑडियो-वीडियो सबूत: ACB ने घूस लेते हुए विधायक की रिकॉर्डिंग और वीडियो भी जब्त कर लिया है।
घूस लेते पकड़े जाने के बाद जयकृष्ण पटेल ने खुद को निर्दोष बताया और इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। हालांकि, भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है और पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
राजस्थान में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर सख्ती बढ़ा दी गई है।
भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई तेज: पिछले छह महीनों में ACB ने कई घूसखोर अधिकारियों और नेताओं को पकड़ा है।
जनता को जागरूक करने का प्रयास: ACB ने नागरिकों से अपील की है कि वे भ्रष्टाचार की किसी भी घटना की जानकारी तुरंत दें।
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