जोधपुर। जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में तैनात एक पुलिसकर्मी पर फर्जी पैन कार्ड के माध्यम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की नसीराबाद शाखा से 10 लाख रुपए का लोन लेने का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला तब सामने आया जब बैंक प्रबंधक ने नसीराबाद सिटी थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत में बैंक प्रबंधक ने बताया कि पुलिसकर्मी ने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर बैंक से लोन प्राप्त किया। जब बैंक अधिकारियों ने दस्तावेजों की जांच की, तो फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।
फर्जी पैन कार्ड का इस्तेमाल: आरोपी पुलिसकर्मी ने बैंक में लोन के लिए जो दस्तावेज जमा किए, उनमें पैन कार्ड फर्जी निकला।
बैंक अधिकारी ने की जांच: बैंक अधिकारियों को दस्तावेजों में संदेह हुआ, जिसके बाद उन्होंने मामले की जांच शुरू की।
प्रबंधक की शिकायत पर मामला दर्ज: एसबीआई नसीराबाद शाखा के प्रबंधक ने तुरंत नसीराबाद सिटी थाने में शिकायत दर्ज कराई।
सूत्रों के अनुसार, आरोपी पुलिसकर्मी जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में तैनात है। पुलिस विभाग इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी के खिलाफ विभागीय जांच भी कर रहा है।
धोखाधड़ी की पुष्टि: प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी ने जानबूझकर फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया था।
विभागीय कार्रवाई की तैयारी: जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना बना रहा है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नसीराबाद शाखा के प्रबंधक ने मामले की जानकारी मिलने के बाद तुरंत थाने में शिकायत दर्ज कराई। बैंक का मानना है कि इस तरह की धोखाधड़ी से न केवल बैंक का वित्तीय नुकसान होता है, बल्कि ग्राहकों का विश्वास भी कमजोर होता है।
फ्रॉड की रोकथाम के लिए सतर्कता: बैंक ने सभी शाखाओं को फर्जी दस्तावेजों की पहचान करने और सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
दस्तावेजों की जांच: बैंक अब सभी नए लोन आवेदनों के दस्तावेजों की सख्त जांच कर रहा है।
नसीराबाद सिटी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आरोपी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी जल्द की जाएगी और उससे पूछताछ की जाएगी।
मामले की जांच जारी: पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि के लिए बैंक से सभी संबंधित दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।
आरोपी की भूमिका की पुष्टि: पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी के साथ कोई और भी इस फर्जीवाड़े में शामिल है।
जांच टीम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या बैंक के किसी कर्मचारी की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा हुआ है। यदि ऐसा पाया जाता है तो संबंधित बैंक कर्मचारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
सीसीटीवी फुटेज की जांच: बैंक में आरोपी की मौजूदगी के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है।
फर्जी दस्तावेजों का स्रोत: पुलिस यह पता लगा रही है कि आरोपी ने फर्जी पैन कार्ड कैसे और कहां से बनवाया।
एसबीआई ने इस घटना के बाद अपने ग्राहकों को कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है:
अपने दस्तावेजों की सुरक्षा करें।
बैंक में लोन आवेदन करते समय दस्तावेजों की सटीकता जांचें।
अगर आपको कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत बैंक को सूचित करें।
यदि आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोप सिद्ध होते हैं, तो उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (फर्जी दस्तावेज बनाना) और 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी) के तहत सजा हो सकती है।
गिरफ्तारी: पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है।
विभागीय कार्रवाई: जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट भी आरोपी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर सकता है।
लोन की वसूली: बैंक आरोपी से लोन की राशि वापस लेने का प्रयास कर सकता है।
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