गुजरात : के केवड़िया में आयोजित भाजपा का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर बुधवार को संपन्न हो गया। इस प्रशिक्षण शिविर में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मंत्रियों और विधायकों को बेहतर जनसंपर्क, कार्यशैली और सामाजिक समरसता के महत्व पर मार्गदर्शन दिया।
प्रशिक्षण शिविर में शामिल मुख्य नेता:
बीएल संतोष (राष्ट्रीय संगठन महामंत्री, भाजपा)
राधा मोहन अग्रवाल (प्रदेश प्रभारी)
वी. सतीश (वरिष्ठ भाजपा नेता)
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने अपने संबोधन में मंत्रियों और विधायकों को सादगी और समर्पण का संदेश दिया।
उन्होंने सलाह दी कि जन्मदिन पर केक काटने से पहले मंदिर जाकर संकल्प लें।
जातिवाद और भेदभाव को खत्म कर सभी के साथ समान व्यवहार जरूरी है।
सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए मंदिरों में सभी समाजों का प्रवेश सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि को अपने क्षेत्र के विचार परिवार के संगठनों के पदाधिकारियों से नियमित संवाद बनाए रखना चाहिए।
भाजपा प्रदेश प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल ने नेताओं को बताया कि जनसंपर्क का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा 'समय पर प्रतिक्रिया देना' है।
यदि किसी कार्यकर्ता का कॉल नहीं उठा पाते हैं, तो बाद में उन्हें कॉल जरूर करें।
कार्यकर्ताओं को उनके नाम से पुकारें, इससे दूरी नहीं रहती।
जनप्रतिनिधि के व्यवहार में आत्मीयता होनी चाहिए, ताकि पार्टी और जनता के बीच मजबूत संबंध बने रहें।
भाजपा के वरिष्ठ नेता वी. सतीश ने नेताओं को सादगी और नम्रता की सलाह दी।
जनता को यह महसूस होना चाहिए कि उनके विधायक या मंत्री सहजता से बात करते हैं।
विनम्रता और सादगी से ही जनता के बीच नेता की छवि मजबूत होती है।
उन्होंने कहा कि नेताओं को आम जनता और कार्यकर्ताओं से हमेशा सहज तरीके से मिलना चाहिए।
शिविर में राम मंदिर प्रकरण पर टीकाराम जूली की टिप्पणी का असर भी देखने को मिला।
वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि सनातन मूल्यों और जनभावनाओं के प्रति संवेदनशीलता जरूरी है।
भाजपा नेताओं को धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति सदैव सम्मानजनक रुख रखना चाहिए।
कार्यकर्ताओं और जनता के साथ नम्रता और सादगी से व्यवहार करें।
क्षेत्र के विचार परिवार के संगठनों से संवाद बनाए रखें।
जन्मदिन पर मंदिर जाएं और संकल्प लें।
जातिवाद और भेदभाव से दूर रहें।
फोन न उठा पाएं तो बाद में कॉल जरूर करें।
सनातन मूल्यों और आस्था का सम्मान करें।
इस प्रशिक्षण शिविर का मुख्य उद्देश्य भाजपा के नेताओं को जनता और कार्यकर्ताओं के साथ बेहतर संवाद और जनसंपर्क की कला सिखाना था।
यह पार्टी को मजबूत करने और नेताओं को अधिक जिम्मेदार बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
ऐसे प्रशिक्षण शिविर पार्टी की संगठनात्मक क्षमता को भी मजबूत करते हैं।
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