जम्मू-कश्मीर: भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान की ओर से सीमा पार से बमबारी की घटनाएं बढ़ गई हैं। नियंत्रण रेखा (LoC) से सटे कई गांवों में पाकिस्तान की गोलाबारी से मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है, और ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, 7 मई की सुबह पाकिस्तान की ओर से 8 बम गिराए गए।
इस बमबारी में गांव के कई मकान और वाहन तबाह हो गए।
ग्रामीणों ने बंकरों में छिपकर अपनी जान बचाई।
हालांकि इस हमले में किसी व्यक्ति की जान का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन संपत्ति का काफी नुकसान हुआ है।
गांव के बुजुर्ग रमेश सिंह ने कहा,
“हम ऑपरेशन सिंदूर से बेहद खुश हैं। आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब मिला है। ये बहुत जरूरी था। हमारे घरों को नुकसान हुआ है, लेकिन हमें गर्व है कि हमारी सेना ने आतंकियों को सबक सिखाया।”
महिलाओं और बच्चों को बंकरों में सुरक्षित रखा गया है।
गांव के लोग सेना के समर्थन में हैं और उन्हें गर्व है कि भारतीय सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की।
पाकिस्तानी बमबारी के बाद, ग्रामीणों को बंकरों में शरण लेनी पड़ी।
महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
पुरुषों ने गांव की सुरक्षा सुनिश्चित की और राहत सामग्री की व्यवस्था की।
गांव के सरपंच ने बताया कि कई परिवार अब भी बंकरों में हैं, और सुरक्षा बलों की मदद से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
भारतीय सेना ने तुरंत मोर्चा संभाला और पाकिस्तान की ओर से हो रही बमबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया।
सेना ने सीमा पार से हो रही फायरिंग को प्रभावी तरीके से जवाब दिया।
सीमा पर तैनात जवानों ने लगातार निगरानी बढ़ा दी है।
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना का एक विशेष सैन्य अभियान है, जिसके तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकवादियों के नेटवर्क को ध्वस्त करना और भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
भारतीय वायुसेना और सेना ने संयुक्त रूप से इस अभियान को अंजाम दिया।
ऑपरेशन सिंदूर में आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सेना के हमले के बाद पाकिस्तान ने बौखलाहट में सीमा पार से बमबारी शुरू कर दी।
पाकिस्तान की इस बौखलाहट का शिकार सीमा पर बसे निर्दोष ग्रामीण हुए।
बमबारी में जानमाल का नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन घर और वाहनों को भारी नुकसान हुआ।
जिला प्रशासन और सेना ने प्रभावित गांवों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
मकानों को हुए नुकसान का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने का भी आश्वासन दिया गया है।
गांव के युवा सुरेश सिंह ने कहा,
“हमारे घरों को नुकसान हुआ, लेकिन हमें गर्व है कि हमारी सेना ने आतंकियों को सबक सिखाया। हम डरते नहीं हैं, बल्कि सेना पर हमें पूरा भरोसा है।”
भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि सीमा पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं और किसी भी प्रकार की घुसपैठ या हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
सेना ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
बमबारी से प्रभावित इलाकों में लगातार गश्त की जा रही है।
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