जयपुर : भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को देखते हुए राजस्थान सरकार ने सीमावर्ती जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने बाड़मेर, जैसलमेर, गंगानगर, बीकानेर, जोधपुर और फलोदी जिलों में 336 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स की तैनाती के आदेश जारी किए हैं।
सीमावर्ती जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। इन डॉक्टर्स की ड्यूटी संबंधित जिलों के सरकारी अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लगाई जाएगी, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा सके।
ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने भी सभी जिला ड्रग कंट्रोलरों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में उपलब्ध दवाओं और सर्जिकल आइटम्स का स्टॉक का निरीक्षण करें। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि आवश्यक दवाएं और सर्जिकल आइटम्स पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों।
राज्य सरकार ने आदेश में स्पष्ट किया है कि प्रत्येक जिले में तैनात डॉक्टरों की उपस्थिति और उनकी कार्यप्रणाली की नियमित निगरानी की जाएगी। सीमावर्ती जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह कदम पूरी तरह से एहतियात के तौर पर उठाया गया है। उन्होंने कहा, 'हम सीमावर्ती जिलों में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना हमारी प्राथमिकता है।'
ड्रग कंट्रोल विभाग की रिपोर्ट के आधार पर दवाओं और सर्जिकल सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। सरकार द्वारा नियुक्त डॉक्टर्स की टीम और मेडिकल स्टाफ को भी विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे आपातकालीन स्थितियों में बेहतर तरीके से सेवा दे सकें।
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