जयपुर। राजस्थान यूनिवर्सिटी (RU) का 34वां दीक्षांत समारोह गुरुवार को भव्य तरीके से आयोजित हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने की। इस दौरान यूनिवर्सिटी के 1.50 लाख छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इनमें से 124 छात्रों को गोल्ड मेडल और 309 छात्रों को पीएच.डी. की उपाधि से सम्मानित किया गया।
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने अपने संबोधन में कहा, "राजस्थान यूनिवर्सिटी की बेटियों ने आज इतिहास रच दिया है। उनकी मेहनत और समर्पण ने साबित कर दिया कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।"
कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने भी छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, "कुलगुरु शब्द में ही गौरव छिपा है। यह केवल एक पद नहीं, बल्कि छात्रों को दिशा देने वाला मार्गदर्शक होता है।"
दीक्षांत समारोह में 124 छात्रों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। ये मेडल विभिन्न संकायों और विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को दिए गए।
समारोह में 309 छात्रों को पीएच.डी. की उपाधि भी प्रदान की गई। ये छात्र विभिन्न विषयों में अनुसंधान कर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं।
कुल छात्रों को डिग्रियां: 1.50 लाख
गोल्ड मेडल प्राप्त छात्र: 124
पीएच.डी. प्राप्त छात्र: 309
मुख्य अतिथि: राज्यपाल हरिभाऊ बागडे
विशिष्ट अतिथि: शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी
दीक्षांत समारोह में विशेष रूप से बेटियों की उपलब्धियों की सराहना की गई। गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली छात्राओं ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया।
समारोह में शामिल छात्रों और उनके परिवारों का उत्साह देखते ही बनता था। गोल्ड मेडल और पीएच.डी. प्राप्त छात्रों ने इस दिन को अपने जीवन का सबसे यादगार दिन बताया।
राज्यपाल बागडे ने अपने भाषण में कहा कि शिक्षा ही समाज और देश को सशक्त बनाने का सबसे प्रभावी माध्यम है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान का उपयोग समाज और राष्ट्र की उन्नति के लिए करें।
निष्कर्ष:
राजस्थान यूनिवर्सिटी का 34वां दीक्षांत समारोह उन छात्रों के लिए गौरव का पल बना, जिन्होंने अपनी मेहनत से गोल्ड मेडल और पीएच.डी. हासिल की। राज्यपाल और शिक्षा मंत्री के संदेश ने छात्रों को प्रोत्साहित किया और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
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