जयपुर। राज्य जीएसटी (SGST) विभाग ने राजस्थान के कोटा और नागौर जिलों में पान मसाला और जर्दा बनाने वाली फैक्ट्रियों पर बड़ी कार्रवाई की है। पिछले कुछ दिनों से SGST की टीम ने इन जिलों में 9 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 1580 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है।
SGST विभाग की टीम ने विशेष सूचना के आधार पर कोटा और नागौर के 9 स्थानों पर छापेमारी की। इनमें से 3 पान मसाला और जर्दा बनाने वाली फैक्ट्रियों पर सबसे ज्यादा अनियमितताएं पाई गईं।
कैसे हुआ टैक्स चोरी का खुलासा?
फर्जी बिलिंग और बिना इनवॉइस के माल की सप्लाई।
बिक्री और उत्पादन में भारी अंतर।
कच्चे माल की बिना रजिस्ट्रेशन के खरीद।
नकद लेनदेन के जरिए टैक्स अदायगी से बचाव।
राजस्थान सरकार को इन पान मसाला और जर्दा फैक्ट्रियों द्वारा की गई टैक्स चोरी से बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। SGST की टीम ने दस्तावेजों की जांच के बाद यह आंकड़ा जारी किया है।
राज्य सरकार ने नशे का कारोबार करने वालों और टैक्स चोरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि टैक्स चोरी करने वाली कंपनियों पर कड़ी नजर रखी जाए और समय-समय पर जांच अभियान चलाया जाए।
इन फैक्ट्रियों में टैक्स चोरी करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा था:
बिना बिलिंग के माल की डिलीवरी।
फर्जी कंपनियों के नाम पर बिल बनाना।
कच्चे माल की खरीदारी बिना जीएसटी के।
रजिस्ट्रेशन नंबर का गलत इस्तेमाल।
SGST की इस बड़ी कार्रवाई में वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञों की टीम शामिल थी। टीम ने फैक्ट्रियों के रिकॉर्ड, बैंक खाते और अन्य दस्तावेजों को सील कर दिया है।
SGST अधिकारियों का कहना है कि जांच अभी भी जारी है। दस्तावेजों की गहनता से जांच की जा रही है और जल्द ही और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।
कोटा और नागौर में SGST की इस बड़ी कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार टैक्स चोरी को रोकने के लिए सख्त है। पान मसाला और जर्दा बनाने वाली इन फैक्ट्रियों पर हुई छापेमारी से यह संदेश गया है कि टैक्स चोरी करने वाले कारोबारियों पर नजर रखी जा रही है।
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