राजस्थान : राज्य चुनाव आयोग ने प्रदेश में शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के लिए उपचुनावों का संशोधित कार्यक्रम जारी किया है। इन उपचुनावों का आयोजन उन सीटों पर किया जा रहा है, जो दिसंबर 2024 में खाली हो गई थीं। पहले ये चुनाव ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के कारण स्थगित कर दिए गए थे।
मतदान की तारीख: 8 जून 2025
मतदान का समय: सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक
शहरी निकाय चुनाव अधिसूचना: 21 मई 2025
पंचायती राज चुनाव अधिसूचना: 20 मई 2025
उपचुनावों में 14 शहरी स्थानीय निकाय और कई पंचायती राज संस्थाएं शामिल हैं। प्रमुख स्थानों में शामिल हैं:
गंगानगर: जिला प्रमुख
सिरोही, राजसमंद, प्रतापगढ़, झालावाड़, डूंगरपुर, धौलपुर और अलवर: शहरी वार्ड
बाड़मेर और करौली: प्रधान पद
बांसवाड़ा: उप प्रधान पद
नामांकन शुरू: 20 मई 2025
जिला प्रमुख और प्रधान पद के लिए मतदान: 10 जून 2025
उप सरपंच के लिए मतदान: 9 जून 2025
उप प्रधान के लिए मतदान: 11 जून 2025
नगर पालिका अध्यक्ष के लिए मतदान: 16 जून 2025
उपाध्यक्ष के लिए मतदान: 17 जून 2025
राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम किए गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। इसके अलावा, मतदाताओं की सुविधा और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
ये उपचुनाव उन सीटों के लिए हो रहे हैं, जिनका कार्यकाल दिसंबर 2024 में समाप्त हो गया था।
विभिन्न कारणों से ये सीटें खाली रह गई थीं, जिन्हें अब भरा जाएगा।
इससे राज्य में शहरी और ग्रामीण निकायों की कार्यक्षमता सुनिश्चित होगी।
शहरी निकाय: 12 वार्ड, एक नगर पालिका अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष।
पंचायती राज संस्थाएं:
169 ग्राम पंचायतों में उपचुनाव।
एक जिला प्रमुख (गंगानगर)।
दो प्रधान (बाड़मेर, करौली)।
एक उप प्रधान (बांसवाड़ा)।
सात जिला परिषद सदस्य।
18 पंचायत समिति सदस्य।
17 सरपंच।
15 उप सरपंच।
वार्ड पंच।
मतदान के लिए सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है।
मतदाता अपने पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी या अन्य सरकारी पहचान पत्र लेकर जाएं।
कोविड-19 सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा।
मतदाताओं को सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने मतदान केंद्र पर समय से पहुंचे और निष्पक्ष तरीके से अपना मताधिकार का प्रयोग करें। राज्य चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से भी अपील की है कि वे चुनाव आचार संहिता का पालन करें और मतदाताओं को किसी भी प्रकार से प्रभावित न करें।
राजस्थान उपचुनाव 2025 केवल स्थानीय निकायों को पुनः सक्रिय करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह राज्य के लोकतंत्र को मजबूत करने का भी एक अहम अवसर है। नागरिकों की सहभागिता और सही उम्मीदवारों का चयन ही राज्य की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा।
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