करनाल, हरियाणा: 15 जून 2007 का वह दिन जब हरियाणा के करनाल जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। मनोज और बबली, जिन्हें भाई-बहन माना जाता था, लेकिन उनके रिश्ते ने गांव की पंचायत और परिवार की मान्यताओं को चुनौती दे दी। इस रिश्ते की सजा इतनी भयानक होगी, किसी ने सोचा नहीं था।
कैसे हुई घटना: शाम 5 बजे, एक सफेद स्कॉर्पियो में सवार 8-10 लोगों ने करनाल से 20 किलोमीटर पहले एक बस को ओवरटेक कर रुकवा लिया। तेज़ी से बस में चढ़कर इन लोगों ने मनोज और बबली को जबरन उतार लिया। मनोज और बबली, जो एक-दूसरे से प्रेम करते थे, को उनके ही परिजनों द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया।
क्या था विवाद: मनोज और बबली का प्रेम संबंध एक ही गोत्र के होने के कारण उनके परिवार और समाज को स्वीकार नहीं था। हरियाणा की परंपराओं में गोत्र विवाह को सामाजिक रूप से गलत माना जाता है, और इसी सोच के चलते उनकी हत्या को "सम्मान की रक्षा" का नाम दिया गया।
अदालत का फैसला: इस मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया। जज ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा, "यह सोच खत्म होनी चाहिए कि सम्मान के नाम पर हत्या को सही ठहराया जाए। सभी दोषियों को फांसी पर लटका दो।" इस बयान ने पूरे समाज में बहस छेड़ दी कि ऑनर किलिंग जैसे अपराधों के लिए कठोरतम सजा होनी चाहिए।
कानूनी कार्रवाई और सजा: कोर्ट ने दोषी पाए गए परिजनों और पंचायत सदस्यों को कठोरतम सजा सुनाई। यह फैसला एक मिसाल बना और देशभर में ऑनर किलिंग पर सख्त कानून की मांग को बल मिला।
समाज पर प्रभाव: मनोज-बबली ऑनर किलिंग केस ने हरियाणा और पूरे देश में ऑनर किलिंग के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया। इस केस ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या झूठी इज्जत की खातिर अपनों की जान लेना जायज है?
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