जयपुर। 'हमारे शहर में फैशन इंडस्ट्री को अब भी शक की निगाहों से देखा जाता है। यहां न तो करियर के ज्यादा ऑप्शंस हैं, न ही खुले विचार। यही वजह है कि मैंने परिवार से कहा- मुझे एक मौका दीजिए, खुद को साबित करने का।' ये शब्द हैं उन प्रतिभागियों के जो मिस राजस्थान बनने के सपने को लेकर रैम्प पर कदम रख रही हैं।
रैम्प पर जलवा बिखेरने का सपना: मिस राजस्थान ऑडिशन में आईं लड़कियों ने अपने आत्मविश्वास और हुनर से सभी को प्रभावित किया। कुछ के लिए यह पहली बार था, तो कुछ पहले भी मॉडलिंग का अनुभव रखती थीं। सभी का एक ही सपना था - रैम्प पर जलवा बिखेरना और मिस राजस्थान का ताज जीतना।
परिवार का सपोर्ट और समाज की सोच: प्रतिभागियों ने बताया कि मॉडलिंग को लेकर समाज में अभी भी रूढ़िवादी सोच है, लेकिन उनके परिवार ने उन्हें सपोर्ट किया। 'मुझे एक मौका चाहिए, खुद को साबित करने का,' एक प्रतिभागी ने कहा।
जजों की कड़ी नजर और सख्त पैमाने: ऑडिशन में प्रतिभागियों को जजों की पैनी नजर और सख्त पैमानों का सामना करना पड़ा। प्रतिभागियों से उनकी पर्सनालिटी, कम्युनिकेशन स्किल्स और वॉकिंग स्टाइल को लेकर सवाल किए गए।
सपने देखने की आजादी: मिस राजस्थान बनने का सपना देखने वाली ये लड़कियां सिर्फ एक ताज नहीं, बल्कि अपने आत्मविश्वास, सपनों और समाज की सोच बदलने की कहानी भी लेकर आई हैं। उनके आत्मविश्वास ने साबित कर दिया कि वह केवल सुंदर ही नहीं, बल्कि सशक्त और आत्मनिर्भर भी हैं।
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