जयपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें सैकड़ों नागरिकों ने अपनी समस्याएं रखीं। मुख्यमंत्री ने पं. दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. भीमराव अंबेडकर की अंत्योदय की अवधारणा को दोहराते हुए कहा कि "जनसेवा ही सर्वोपरि है।" उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर परिवेदना का शीघ्र और पारदर्शी निस्तारण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जबावदेहिता और पारदर्शिता के साथ सुशासन सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि किसी भी समस्या का समाधान समयबद्ध तरीके से किया जाए और परिवादी को इसकी सूचना भी दी जाए।
मुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि जनता से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि गैर-जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जनसुनवाई में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, कृषि, गृह, राजस्व, सिंचाई, परिवहन, पशुपालन, जयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम, शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, मनरेगा और ऊर्जा विभाग सहित विभिन्न विभागों से जुड़ी परिवेदनाओं को सुना गया और मौके पर ही उनका समाधान किया गया।
मुख्यमंत्री ने हर परिवादी की समस्या को गंभीरता से सुना और तत्काल संबंधित विभाग के अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए। उनकी संवेदनशीलता और त्वरित निर्णयों से जनता में संतोष और विश्वास दिखाई दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पं. दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. भीमराव अंबेडकर की अंत्योदय की अवधारणा पर आधारित सुशासन के लक्ष्य पर काम कर रही है। जनसुनवाई जैसी पहल से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जनता की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर हो।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर परिवेदना का समयबद्ध निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि हर समस्या का समाधान होने पर फरियादी को सूचित करना भी सुनिश्चित किया जाए।
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