जयपुर। राजस्थान सहित उत्तर भारत में बढ़ते तापमान और तेज़ लू के चलते अब स्वास्थ्य संकट गहराने लगा है। राज्य के चिकित्सा विभाग ने लोगों को चेताते हुए कहा है कि हीट स्ट्रोक अब केवल सामान्य गर्मी की परेशानी नहीं, बल्कि जीवन को खतरे में डालने वाली स्थितियों में तब्दील हो चुका है।
विभाग के अनुसार, अत्यधिक गर्मी में बाहर निकलने पर शरीर में पानी की कमी, ब्रेन हेमरेज, किडनी फेल्योर, दिल की धड़कनों में गड़बड़ी, और बेहोशी जैसी गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि गर्मी के दौरान शरीर का तापमान नियंत्रण बिगड़ने से निम्नलिखित लक्षण सामने आ सकते हैं:
तेज सिरदर्द
अचानक चक्कर या गश खाकर गिरना
अत्यधिक पसीना या बिल्कुल भी पसीना न आना
तेज बुखार
सीने में दर्द
पेशाब का रुक जाना
उल्टी और बेहोशी
इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी है।
ब्रेन हेमरेज: तेज गर्मी के कारण मस्तिष्क की रक्त नलिकाएं फट सकती हैं, जिससे ब्रेन हेमरेज हो सकता है।
किडनी फेल्योर: शरीर में पानी की कमी से किडनी को पर्याप्त रक्त नहीं मिलता, जिससे किडनी काम करना बंद कर सकती है।
हार्ट अरेथमिया: उच्च तापमान से दिल की धड़कनों में गड़बड़ी आ सकती है।
न्यूरोलॉजिकल डैमेज: लंबे समय तक गर्मी में रहने से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है।
दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक बिलकुल बाहर न निकलें
शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी न होने दें
हल्के, सूती और ढीले कपड़े पहनें
सिर को ढककर निकलें (टोपी, गमछा, छाता)
ओआरएस, नींबू पानी, छाछ जैसे तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें
बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों का विशेष ध्यान रखें
निष्कर्ष:
हीट स्ट्रोक अब केवल एक मौसमी परेशानी नहीं बल्कि गंभीर स्वास्थ्य संकट बन चुका है। चिकित्सा विभाग की चेतावनी को हल्के में न लें और गर्मी के इन खतरों से बचने के लिए सावधानी ही सुरक्षा है।
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