राजस्थान: बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा ने मनोहर थाना कोर्ट में किया सरेंडर, 3 साल की सजा के बाद विधायकी संकट में

राजस्थान : के बारां ज़िले के अंता से बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा ने बुधवार सुबह मनोहर थाना कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। वर्ष 2005 में हुए उप-सरपंच चुनाव विवाद में SDM को पिस्टल दिखाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में उन्हें 3 साल की सजा सुनाई गई थी।

ट्रायल कोर्ट ने उन्हें 2018 में बरी किया था, लेकिन एडीजे कोर्ट, अकलेरा ने 2020 में उन्हें दोषी ठहराया और 3 साल की सजा सुनाई। राजस्थान हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है।


क्या है पूरा मामला?

3 फरवरी 2005 को झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र में उप-सरपंच चुनाव के दौरान तत्कालीन उप-जिला मजिस्ट्रेट रामनिवास मेहता को कंवरलाल मीणा ने कनपटी पर पिस्टल तान दी थी। उन्होंने वोटों की दोबारा गिनती की धमकी दी और सरकारी कैमरे की कैसेट फाड़ दी। उन्होंने फोटोग्राफर का कैमरा भी जलाने की कोशिश की थी।

इस मामले में शुरू में उन्हें बरी कर दिया गया था, लेकिन 2020 में एडीजे कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई। 1 मई 2025 को हाईकोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा, और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी।


विधानसभा सदस्यता पर खतरा

चूंकि कंवरलाल मीणा को तीन साल की सजा मिली है, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(e) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 के तहत उनकी विधानसभा सदस्यता स्वतः समाप्त मानी जा सकती है। इस मुद्दे पर अब राज्य की राजनीति गरमा गई है।

कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा अध्यक्ष से मीणा की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बावजूद विधायक बने रहना संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन है।


बीजेपी की रणनीति: रिवीजन याचिका और दया याचिका

बीजेपी ने सजा कम कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में रिवीजन याचिका दायर की है। अगर सजा 3 साल से घटकर 2 साल 11 महीने या उससे कम होती है, तो उनकी सदस्यता बच सकती है। साथ ही, राज्यपाल के पास दया याचिका दाखिल करने की भी योजना बनाई जा रही है।

हालांकि, कई कानूनी विशेषज्ञ इसे कमजोर विकल्प मान रहे हैं और माया कोडनानी जैसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट की रोक का हवाला दे रहे हैं।


स्पीकर की प्रतिक्रिया

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि उन्होंने इस मामले पर राज्य के महाधिवक्ता से तत्काल कानूनी राय मांगी है और राय मिलने के बाद विधिसम्मत निर्णय लिया जाएगा। कांग्रेस इसे डिले टैक्टिक्स मान रही है।


निष्कर्ष

कंवरलाल मीणा का आत्मसमर्पण और 3 साल की सजा न केवल उनकी विधायकी पर संकट खड़ा कर रही है, बल्कि राजस्थान की राजनीति में भी नया मोड़ ला रही है। अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट की रिवीजन याचिका और विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर टिकी हैं।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
SDM पर पिस्तौल तानी, विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी बचाने की माफी में क्या है राज्यपाल की भूमिका? एक्सपर्ट से जानिए पूरा नियम | डोटासरा बोले-विधानसभा स्पीकर फाइल को घूमा रहे:कंवरलाल मीणा पर नहीं हो रहा फैसला, राहुल गांधी की सदस्यता 24 घंटे में गई थी | एमपी के मंत्री को बर्खास्त करने की मांग: कोटा में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन | ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से बमबारी:LoC के गांव खाली, बंकरों में छिपे लोग; बोले- हमारे घर तबाह हुए, लेकिन सबक सिखाया | पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन: जम्मू-कश्मीर में रातभर भारी गोलीबारी, चार की मौत, 16 घायल | एयर स्ट्राइक के बाद राजस्थान में हाई-अलर्ट, 2 एयरपोर्ट बंद:जयपुर से भी 4 फ्लाइट्स रद्द; बीकानेर-बाड़मेर में स्कूल बंद, एग्जाम कैंसिल | Rajasthan: SMS अस्पताल में मरीज पर गिरा प्लास्टर, CM भजनलाल शर्मा ने अफसरों की लगाई क्लास, दोषियों पर त्वरित कार्रवाई | Rajasthan: 'महेश जोशी ने अकेले नहीं खाया, गहलोत भी थे हिस्सेदार', लाल डायरी वाले गुढ़ा का बड़ा दावा | जयपुर-जोधपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के इंजन में लगी आग, यात्रियों में मची अफरा-तफरी, एक घंटे तक रुकी रही ट्रेन | अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा: 2 बच्चों के माता-पिता ने सालों बाद की शादी, 10 लाख की योजना में घोटाले का खुलासा |