राजस्थान : के बांसवाड़ा जिले के लाल राजेश पंचाल को अद्वितीय वीरता और साहस के लिए शौर्य चक्र से नवाजा गया है। देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में आयोजित एक भव्य सम्मान समारोह में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया।
राजेश पंचाल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के बहादुर जवान हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ एक ऑपरेशन में अदम्य साहस का प्रदर्शन किया था।
जानकारी के अनुसार, राजेश पंचाल ने जम्मू-कश्मीर में तैनाती के दौरान एक बेहद खतरनाक मुठभेड़ में जान की परवाह किए बिना न केवल आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया, बल्कि अपने साथियों की जान भी बचाई।
इस ऑपरेशन के दौरान उन्होंने तीव्र गोलीबारी और ग्रेनेड हमले के बीच दुश्मनों को ढेर करने में अहम भूमिका निभाई। उनकी त्वरित निर्णय क्षमता और साहसिक कार्रवाई से सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली।
राजेश पंचाल को यह पुरस्कार 26 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में दिया गया। उनके शौर्य की गूंज केवल बांसवाड़ा ही नहीं, बल्कि पूरे देश में सुनाई दी।
राष्ट्रपति द्वारा वीरता पदक दिए जाने के इस मौके पर देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति और राजनेता मौजूद रहे।
शौर्य चक्र की घोषणा के बाद बांसवाड़ा के कुशलगढ़ तहसील स्थित उनके पैतृक गांव में गर्व और उत्सव का माहौल है। राजेश पंचाल के माता-पिता और परिजन भावुक हो गए, और गाँववालों ने मिठाइयाँ बांटकर इस उपलब्धि का जश्न मनाया।
बांसवाड़ा के विधायक और जिला प्रशासन ने राजेश पंचाल को बधाई दी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि उन्होंने पूरे राज्य का गौरव बढ़ाया है।
"राजेश पंचाल जैसे वीर योद्धाओं की वजह से हम सब सुरक्षित हैं। उनकी वीरता को सलाम।"
शौर्य चक्र भारत का तीसरा सर्वोच्च वीरता पदक है, जो युद्ध के समय नहीं बल्कि शांति के समय दिखाई गई असाधारण बहादुरी के लिए दिया जाता है। इसे राष्ट्रपति भारत सरकार की ओर से प्रदान करते हैं।
राजेश पंचाल का यह सम्मान केवल एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा है। वे आज के युवाओं को यह सिखा रहे हैं कि राष्ट्रसेवा और साहस का रास्ता कभी व्यर्थ नहीं जाता।
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