नई दिल्ली/श्रीनगर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद शशि थरूर ने हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के देश को अब किसी भी हमले पर दूसरा गाल नहीं दिखाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ पूरी दृढ़ता और मजबूती से खड़ा है और किसी भी प्रकार के हमले का जवाब प्रभावी और सख्त तरीके से दिया जाएगा।
थरूर ने यह बात बुधवार रात की प्रेस वार्ता में कही, जिसमें उन्होंने आतंकवाद के विरुद्ध भारत के दृढ़ संकल्प को उजागर किया। उनका यह बयान उस वक्त आया जब भारत ने सीमापार आतंकवादियों के खिलाफ "ऑपरेशन सिंदूर" नामक सैन्य अभियान चलाया है, जिसने देश में व्यापक चर्चा छेड़ दी है।
थरूर ने स्पष्ट किया कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ न केवल कड़े कदम उठाए हैं, बल्कि भविष्य में भी किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “गांधी जी का देश सहिष्णुता के साथ-साथ अब दृढ़ता से भी खड़ा होगा। किसी भी हमले पर हम सिर्फ दूसरा गाल नहीं दिखाएंगे, बल्कि पूरी ताकत से जवाब देंगे।”
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का यह रुख न केवल कूटनीतिक स्तर पर बल्कि सैन्य कार्रवाई के जरिए भी स्पष्ट है। उन्होंने सरकार की इस नीति का समर्थन करते हुए देशवासियों से एकजुटता की अपील की।
वहीं, भाजपा के एक विधायक ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की पारदर्शिता और संचालन की समयसीमा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। विधायक ने कहा कि सैन्य अभियानों के राजनीतिकरण से बचना चाहिए और जनता को पूरी जानकारी दी जानी चाहिए ताकि अफवाहों को जगह न मिले।
उन्होंने सरकार से इस अभियान के उद्देश्य, उपलब्धि और रणनीति को साफ तौर पर सार्वजनिक करने की मांग की। उनका यह बयान देश की सुरक्षा रणनीति को लेकर चल रही बहस में नया आयाम जोड़ रहा है।
शशि थरूर के बयान और BJP विधायक के सवालों के बाद राजनीतिक दलों के बीच सुरक्षा नीति को लेकर बहस तेज हो गई है। विपक्ष सरकार से मांग कर रहा है कि वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाईयों को मजबूती से अंजाम दे लेकिन किसी भी निर्णय में पारदर्शिता और जवाबदेही भी होनी चाहिए।
विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत की बदलती सुरक्षा नीति और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख से देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा इमेज मजबूत होगा। साथ ही साथ, यह नीति घरेलू सुरक्षा को भी सुदृढ़ करेगी।
भारत अब आतंकवाद के खिलाफ नई रणनीति और कड़े कदमों के साथ खड़ा है। शशि थरूर का यह बयान देश की बदलती मानसिकता और सुरक्षा नीति का आईना है। देशवासियों की उम्मीदें बढ़ी हैं कि अब किसी भी आंतरिक या बाहरी खतरे को न केवल देखा जाएगा, बल्कि उस पर कड़ा और निर्णायक हमला भी किया जाएगा।
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