जोधपुर: जैसलमेर में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पकड़े गए सरकारी कर्मचारी शकूर खान के जासूसी मामले ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। पोकरण विधायक ने शुक्रवार को जोधपुर में प्रेस से बातचीत में इस मामले को बेहद गंभीर और राष्ट्र सुरक्षा से जुड़ा हुआ बताया।
जानकारी के अनुसार, शकूर खान पहले कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद के निजी सहायक (PA) रह चुके हैं। अधिकारियों का आरोप है कि शकूर खान बिना अनुमति के पाकिस्तान यात्रा पर गया और वहां से संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त रहा।
पोकरण विधायक ने कहा,
“जब एक पूर्व मंत्री का पूर्व निजी सहायक देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया जाए, तो यह केवल एक व्यक्ति की नहीं बल्कि उस पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी बनती है। कांग्रेस को जनता को जवाब देना होगा।”
सूत्रों के अनुसार, शकूर खान लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर था। कुछ संदिग्ध कॉल्स और उसकी पाकिस्तान यात्रा की जानकारी सामने आने के बाद एजेंसियों ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया, जहां उसने कुछ महत्वपूर्ण सुरागों की पुष्टि की।
विधायक ने कांग्रेस की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और कहा,
"देश की सुरक्षा के मुद्दे पर किसी भी पार्टी को राजनीति से ऊपर उठकर जवाब देना चाहिए, लेकिन कांग्रेस चुप है। क्या यह मौन समर्थन है?"
जांच एजेंसियों के अनुसार, शकूर खान के संपर्कों की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, उसके पास से कुछ संवेदनशील दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड्स की जानकारी भी मिली है। आने वाले दिनों में और नाम उजागर हो सकते हैं।
यह मामला केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि सत्ता और सुरक्षा के बीच संतुलन की परीक्षा है। यदि राजनीतिक पदों से जुड़े लोग संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त होते हैं, तो यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है।
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