राजस्थान: के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता सीपी जोशी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी उम्र और राजनीतिक सक्रियता पर खुलकर बात की। जोशी ने कहा कि स्वतंत्रता से पहले लोगों की औसत उम्र बहुत कम थी, आजादी से पहले एक व्यक्ति की उम्र 35 साल भी नहीं होती थी। चेचक और अन्य बीमारियों के कारण लोग जल्दी ही इस दुनिया से चले जाते थे।
75 वर्ष की उम्र में भी सीपी जोशी ने कहा कि वे खुद को बिल्कुल जवान महसूस करते हैं और राजनीति के मैदान में सक्रिय रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “मैं चुनाव लड़ने की इच्छा रखता हूं। मैं कड़वी कुनेन की गोली की तरह हूं, जो अपनी कड़वाहट के बावजूद असरदार होती है।”
सीपी जोशी ने बताया कि वे अपने अनुभव और ऊर्जा के दम पर फिर से जनता की सेवा करना चाहते हैं।
उन्होंने अपने राजनीतिक सफर और जनता के साथ जुड़ाव को आज भी मजबूती से महसूस किया।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि उम्र केवल एक संख्या है, असली बात तो व्यक्ति के मनोबल और जज्बे की होती है।
जोशी ने कहा कि आजादी के पहले के दौर में स्वास्थ्य सुविधाएं कम थीं, लोग जल्दी बीमार पड़ जाते थे, इसलिए जीवन की औसत उम्र कम थी। लेकिन अब समय बदल गया है, बेहतर स्वास्थ्य सेवा और जीवनशैली के कारण वे अपने उम्र में भी सक्रिय हैं।
राजनीति में लगातार सक्रिय रहने वाले सीपी जोशी ने खुद को ‘कड़वी कुनेन की गोली’ बताया, जिसका मतलब है कि वे कठिन समय में भी राजनीति में कड़वा लेकिन असरदार रोल निभाते हैं।
सीपी जोशी का यह बयान राजस्थान की राजनीति में नए सिरे से चर्चा का विषय बना है। 75 वर्ष की उम्र में भी चुनाव लड़ने की उनकी इच्छा यह साबित करती है कि उम्र से ज्यादा अहमियत हौसले और जुनून की होती है।
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