ट्रम्प ने 8वीं बार दोहराया दावा: भारत-पाक युद्ध रुकवाया, क्या है सच? जानिए भारत पर पड़ सकता है इसका असर

अमेरिका: के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फिर से एक बार दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोकने में अहम भूमिका निभाई है। ट्रम्प ने कहा, "हमने भारत और पाकिस्तान को लड़ने से रोका। हम उन लोगों के साथ व्यापार नहीं कर सकते जो एक-दूसरे पर गोली चला रहे हैं। उन्होंने बात मानी और लड़ाई रुक गई। हमारे पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेना है और सबसे अच्छे नेता हैं।" यह उनका लगातार आठवां बयान है जिसमें वे इसी दावे को दोहरा रहे हैं।


ट्रम्प के क्रेडिट लेने के पीछे की राजनीति

ट्रम्प के इस बयान से यह स्पष्ट है कि वे अपने राजनीतिक प्रभाव और छवि को मजबूत करने के लिए भारत-पाकिस्तान के तनाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई बार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने संवादों और ट्वीट्स के माध्यम से इसे एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह दावे ज्यादातर राजनीतिक फायदे के लिए होते हैं, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और संघर्ष का इतिहास कई दशकों पुराना है, जिसमें कई अन्य देश और कारक भी शामिल रहे हैं।


भारत के लिए क्या हैं इस दावे के नकारात्मक पहलू?

  • आंतरिक राजनीतिक संवेदनशीलता: भारत में यह दावा कभी-कभी विवादित होता है क्योंकि देश की जनता और सरकार अपने फैसलों और कूटनीति को स्वतंत्र मानती है।

  • संपर्क और समझौते पर असर: यदि यह बात जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाती, तो इससे भारत-पाक के बीच संभावित बातचीत और तनाव कम करने के प्रयासों को नुकसान पहुंच सकता है।

  • विदेश नीति पर असर: विदेशी हस्तक्षेप को लेकर सत्ताधारियों और जनता में मतभेद पैदा हो सकते हैं, जिससे भारत की विदेश नीति प्रभावित हो सकती है।


विशेषज्ञों की राय

राजनीतिक विश्लेषक और कूटनीति विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत-पाक के बीच संघर्ष को रोकने के लिए कई पहलू जिम्मेदार हैं, जिनमें दोनों देशों की आंतरिक और बाहरी नीतियां, अंतरराष्ट्रीय दबाव, संयुक्त राष्ट्र की भूमिका और क्षेत्रीय समझौते शामिल हैं।

ट्रम्प का दावा हालांकि प्रभावशाली लगता है, लेकिन यह पूरी तस्वीर को दर्शाने वाला नहीं है।


निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा बार-बार भारत-पाक युद्ध रोकने का क्रेडिट लेना एक राजनीतिक रणनीति की तरह प्रतीत होता है। जबकि क्षेत्रीय शांति के लिए हर प्रयास महत्वपूर्ण है, भारत के हितों और संप्रभुता के दृष्टिकोण से ऐसे दावों को सावधानी से आंका जाना चाहिए।

भारत अपनी नीतियों और निर्णयों में पूरी तरह से स्वतंत्र है, और क्षेत्रीय शांति की जिम्मेदारी कई देशों और कारकों की संयुक्त भूमिका से ही पूरी हो सकती है।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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