जोधपुर। जोधपुर के एक प्रतिष्ठित कारोबारी को कोर्ट केस में फैसला पक्ष में करवाने का झांसा देकर 65 लाख रुपए की ठगी किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपियों ने खुद को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और राजस्थान हाईकोर्ट के जजों का करीबी बताकर झांसा दिया और आरके इंडस्ट्रीज बनाम रीको मामले में मदद का वादा किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरके इंडस्ट्रीज बनाम रीको नामक केस राजस्थान हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसी केस में कारोबारी को कुछ व्यक्तियों ने संपर्क किया और बताया कि वे सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के प्रभावशाली जजों से सीधे जुड़े हुए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि भुगतान किया जाए तो मामला कारोबारी के पक्ष में तय हो सकता है।
व्यापारी से किस्तों में कुल ₹65 लाख लिए गए। आरोपी हर बार नई रणनीति और झूठे सबूत दिखाकर पैसे लेते रहे।
कारोबारी को तब शक हुआ जब काफी समय बीतने के बाद भी कोई कानूनी प्रगति नहीं हुई और आरोपी फोन कॉल्स से बचने लगे। इसके बाद कारोबारी ने मामले की शिकायत पुलिस और साइबर क्राइम विभाग में दर्ज करवाई।
जांच में सामने आया कि जिन लोगों ने खुद को जजों का करीबी बताया, वे असल में कोई कानूनी या न्यायिक पद पर नहीं हैं और पूर्व में भी इस तरह के मामलों में संलिप्त रहे हैं।
पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की पहचान, ठिकाने और बैंक ट्रांजेक्शन की जांच शुरू कर दी गई है। साइबर सेल की मदद से कॉल रिकॉर्डिंग और बैंक डिटेल्स को खंगाला जा रहा है।
जोधपुर पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम आरोपी की लोकेशन और नेटवर्क ट्रैक कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच में मामला संगठित ठगी का प्रतीत हो रहा है। जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।"
यह घटना न केवल एक संगठित ठगी को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे लोग सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं का नाम लेकर भोले-भाले नागरिकों को लूटने का काम कर रहे हैं।
कानूनी जानकारों का कहना है, "कोई भी कोर्ट का फैसला पैसे से तय नहीं होता। ऐसे मामलों में ठग लोगों की अनभिज्ञता का फायदा उठाते हैं।"
पुलिस और साइबर विभाग ने आमजन को चेतावनी दी है कि किसी भी कोर्ट या न्यायिक प्रक्रिया में 'पहचान', 'ऊपर से सेटिंग' और 'फैसला तय करवाने' जैसी बातों पर भरोसा न करें। ऐसे मामलों की तुरंत पुलिस को सूचना दें।
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