दौसा। राजस्थान की भजनलाल सरकार ने बजट 2025 में दौसा जिले को एक महत्वपूर्ण सौगात दी है। दौसा नगर परिषद, बांदीकुई और भांडारेज नगर पालिका को मिलाकर दौसा-बांदीकुई यूआईटी (Urban Improvement Trust) का गठन किया गया है। इस नई यूआईटी में 265 से अधिक राजस्व गांव शामिल किए गए हैं, जिससे दौसा जिले में तेजी से विकास की नई संभावनाएं जन्म लेंगी।
दौसा जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार यादव ने बताया कि यूआईटी के तहत आने वाले शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्र में विकास को एक नियोजित ढांचे के तहत लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि:
265 गांवों को यूआईटी क्षेत्र में शामिल किया गया है।
दौसा, बांदीकुई और भांडारेज के विस्तारित क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, सड़क, स्टोन पार्क, और लॉजिस्टिक्स जोन जैसे काम तेजी से पूरे होंगे।
औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार से स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
दौसा नगर परिषद आयुक्त कमलेश कुमार मीणा ने बताया कि यूआईटी के गठन से जिले के बाहरी इलाकों में विकास की रफ्तार बढ़ेगी। उनके अनुसार:
यूआईटी के अंतर्गत करीब 300 गांव शामिल किए जा रहे हैं।
नई कॉलोनियों का नियोजन, मास्टर प्लान के अनुसार विकास कार्य, और नियोजित निर्माण कार्य अब यूआईटी के जरिए होंगे।
यूआईटी के मास्टर प्लान में सिवायचक भूमियों का अधिग्रहण, सड़क निर्माण, नालियों की व्यवस्था, और सरकारी भवनों का विस्तार जैसी परियोजनाएं शामिल होंगी।
राजस्थान सरकार द्वारा पूरे राज्य में 22 नई यूआईटी की घोषणा की गई है, जिनमें दौसा-बांदीकुई यूआईटी भी प्रमुख है। इस कदम से प्रदेश के छोटे-शहरों में व्यवस्थित शहरीकरण, आवास विकास, और औद्योगिक निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी।
यूआईटी गठन के बाद पहला कदम होगा मास्टर प्लान तैयार करना।
सभी प्रमुख सड़कों, सरकारी परिसरों, पार्कों, और आवासीय कॉलोनियों के लिए स्पेस प्लानिंग की जाएगी।
विकास कार्यों के लिए नियोजन विभाग और अन्य तकनीकी एजेंसियों को जोड़ा जाएगा।
दौसा-बांदीकुई यूआईटी का गठन न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत है बल्कि यह शहरी नियोजन, बुनियादी ढांचे, और आर्थिक विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है। भजनलाल सरकार की इस पहल को जनता ने सकारात्मक रूप में लिया है और जिले में आशा और उत्साह का माहौल है।
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