अहमदाबाद: RCB ने आखिरकार वो कर दिखाया, जिसका फैन्स को 18 साल से इंतजार था। आईपीएल 2025 के फाइनल में पंजाब किंग्स को 6 रन से हराकर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने अपना पहला IPL खिताब जीत लिया। नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हुए इस मुकाबले में RCB ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और कप्तानी—तीनों क्षेत्रों में श्रेष्ठता दिखाई।
इस जीत के पीछे कौन-से 5 फैक्टर्स रहे निर्णायक, आइए जानते हैं:
RCB की ऐतिहासिक जीत में राजत पाटीदार ने बल्ले और दिमाग दोनों से कमाल किया। कप्तानी करते हुए उन्होंने मैच को दबाव में भी कंट्रोल किया और खुद भी महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। IPL फाइनल में 62 रन की पारी उनकी कप्तानी का बयान था।
RCB ने इस सीजन में युवाओं को मौका दिया और भरोसे पर खरे उतरे। टीम के पास ऐसे 9 खिलाड़ी थे जिन्होंने किसी न किसी मैच में अकेले दम पर जीत दिलाई—जैसे महिपाल लोमरोर, विजयकुमार वैशाख, सैयद मुश्ताक और मोहम्मद सिराज।
टूर्नामेंट में जहां अधिकतर टीमें बल्लेबाजी पर निर्भर दिखीं, RCB ने गेंदबाजों पर भरोसा जताया। मोहम्मद सिराज, यश दयाल और फर्ग्यूसन की तिकड़ी ने 70 विकेट चटकाए, जिसमें डेथ ओवर्स की कसी हुई गेंदबाजी निर्णायक रही।
RCB मैनेजमेंट ने सीजन के दौरान स्मार्ट प्लेयर रोटेशन किया। प्लेइंग इलेवन में चतुराई से बदलाव किए गए, जिससे हर खिलाड़ी फ्रेश रहा। कोचिंग स्टाफ के शांत और रणनीतिक रवैये ने टीम को मानसिक मजबूती दी।
RCB के मिडिल ऑर्डर ने लगातार रन बनाए। दिनेश कार्तिक, लिविंगस्टन और मैक्सवेल ने बाउंड्री से मैच पलटे। लोअर ऑर्डर में गेंदबाज भी तेजी से रन बनाने लगे, जो पूरे सीजन में उनकी जीत का टर्निंग पॉइंट रहा।
RCB: 174/7 (राजत पाटीदार 62, मैक्सवेल 28)
PBKS: 168/9 (शिखर धवन 49, सिराज 3 विकेट)
RCB ने साबित कर दिया कि सिर्फ नाम से नहीं, टीमवर्क, रणनीति और जज्बे से ट्रॉफी जीती जाती है। ये जीत सिर्फ एक खिताब नहीं, बल्कि सालों की उम्मीदों और मेहनत की जीत है। अब RCB फैन्स गर्व से कह सकते हैं—"Ee Sala Cup Namde!"
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