जोधपुर: के चौपासनी इलाके में स्थित कुबेरगढ़ रिसोर्ट में सर्व वैष्णव समाज की एक ऐतिहासिक बैठक संपन्न हुई, जिसमें समाज के विभिन्न उपसमाजों के प्रबुद्धजन, समाजसेवी और गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। इस बैठक में समाज की एकजुटता और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति समर्पण की एक नई मिसाल देखने को मिली।
बैठक में सभी वैष्णव उपसमाजों—रामावत, रांकावत, धन्नावंशी, निरंजनी, दादूपंथी, कबीरपंथी सहित अन्य—ने एक साझा प्रस्ताव रखा। इसमें विवाह समारोहों के बजट का कम से कम 1 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित करने का आह्वान किया गया। इसका उद्देश्य समाज के बच्चों और युवाओं को बेहतर शिक्षा के अवसर प्रदान करना है।
बैठक में भाग लेने वालों ने माना कि सामाजिक विकास और एकता तभी संभव है जब हर परिवार शिक्षा के महत्व को समझे और सामूहिक प्रयास करें। इस पहल से न केवल शिक्षा क्षेत्र में सुधार होगा बल्कि समाज की आर्थिक और सामाजिक स्थिति भी मजबूत होगी।
बैठक में उपस्थित समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा कि आज के समय में शिक्षा ही एकमात्र साधन है जो समाज को आत्मनिर्भर और समृद्ध बना सकता है। उन्होंने सभी परिवारों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने स्तर पर इस आंदोलन को आगे बढ़ाएं।
सर्व वैष्णव समाज ने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए एक समिति का गठन भी किया, जो विवाह समारोहों में शिक्षा के लिए योगदान को लेकर जागरूकता अभियान चलाएगी और समाज के भीतर इस दिशा में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करेगी।
जोधपुर में हुई इस ऐतिहासिक बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया कि सामाजिक एकता और शिक्षा में निवेश से ही भविष्य की पीढ़ी को मजबूत बनाया जा सकता है। सर्व वैष्णव समाज की यह पहल अन्य समुदायों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
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