जयपुर | राजस्थान: में अपराध का चेहरा अब और खतरनाक होता जा रहा है। हाल ही में पकड़े गए कुख्यात डकैत जीतू ने एक बड़े खुलासे में बताया कि राजस्थान में गैंगस्टर्स की एक खास "शूटिंग रेंज" बनाई गई है, जहां AK-47 जैसे घातक हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती है।
यहां पर ठेहट और गोगामेड़ी जैसे बड़े हत्याकांडों की प्लानिंग और प्रैक्टिस भी की गई थी।
जयपुर से ऑटोमैटिक हथियारों की सप्लाई की पुष्टि जीतू ने की है।
जयपुर और आसपास के इलाकों में ऐसे कई ठिकाने हैं, जहां पर AK-47 और आधुनिक हथियारों की शूटिंग प्रैक्टिस करवाई जाती है।
यह शूटिंग रेंज पूरी तरह सुरक्षित और निगरानी युक्त होती है, जहां चारों ओर डकैतों का पहरा रहता है।
कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नेटवर्क से जुड़े अपराधियों ने यहीं टारगेट शूटिंग की ट्रेनिंग ली थी।
ठेहट और गोगामेड़ी की हत्या की साजिश और रिहर्सल इसी शूटिंग रेंज में हुई थी।
यह रेंज शहरों से दूर जंगलों और सुनसान इलाकों में बनाई गई है, ताकि किसी को भनक न लगे।
जब डकैत जीतू को पुलिस ने AK-47 के साथ गिरफ्तार किया, तब पूछताछ में यह बड़ा खुलासा हुआ।
उसने बताया कि AK-47 जयपुर से मिली थी और ट्रेनिंग एक खास ठिकाने पर दी गई थी, जहां गैंग के और सदस्य पहले से मौजूद थे।
लॉरेंस गैंग अब सिर्फ हरियाणा-पंजाब तक सीमित नहीं है, उसका जाल अब जयपुर और राजस्थान में भी बिछ चुका है।
गैंगस्टर्स अब छोटे जिलों के अपराधियों को हाई-फायर पॉवर हथियार सप्लाई कर रहे हैं।
राजस्थान अब सिर्फ रेगिस्तान और राजमहलों की धरती नहीं, बल्कि अपराधियों की नई प्रयोगशाला बनता जा रहा है।
AK-47 जैसी घातक राइफल की खुलेआम ट्रेनिंग और हत्याकांडों की प्रैक्टिस, यह संकेत है कि
गैंगवॉर अब पूरी तरह सुनियोजित और तकनीकी हो चुका है।
पुलिस और इंटेलिजेंस को अब नए स्तर पर अलर्ट रहना होगा, क्योंकि अपराधी अब सिर्फ हथियार नहीं, ट्रेनिंग और स्ट्रैटेजी के साथ आते हैं।
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