इस स्वच्छता अभियान की खास बात यह रही कि बच्चों ने खुद यात्रियों को स्वच्छता का संदेश दिया, उन्हें कचरा डस्टबिन में डालने के लिए प्रेरित किया और स्वच्छ परिवेश के लिए जिम्मेदार बनने की अपील की। बच्चों की सहभागिता ने कार्यक्रम को जीवंत और प्रभावशाली बना दिया।
इस मौके पर जयपुर सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने बच्चों की सराहना करते हुए कहा,
“स्वच्छ भारत मिशन को स्थाई और आत्मसात बनाने के लिए बच्चों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।
जब स्वच्छता की शिक्षा बचपन से दी जाएगी, तो आने वाली पीढ़ी इसे स्वाभाविक रूप से जीवन का हिस्सा मानेगी।”
स्वच्छता अभियान के दौरान बच्चों ने नारे लगाए, यात्रियों को पंपलेट्स बांटे, और डस्टबिन के प्रयोग की जानकारी दी। इसके अलावा, कुछ बच्चों ने रंगोली और पोस्टर बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम में स्थानीय पार्षद, सफाई कर्मचारी, सामाजिक कार्यकर्ता और यात्रियों की भी सक्रिय भागीदारी रही।
डिजिटल बाल मेला और फ्यूचर सोसायटी द्वारा शुरू किया गया ‘कौन बनेगा पार्षद’ अभियान बच्चों को समाजिक जिम्मेदारियों से जोड़ने की एक अभिनव पहल है। इस अभियान के जरिए बच्चे न केवल शहर की समस्याओं को समझते हैं, बल्कि उनके समाधान में भी अपना योगदान देते हैं।
कार्यक्रम ने यह भी दिखाया कि स्वच्छता केवल सफाई का विषय नहीं, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य और नागरिक जिम्मेदारी से भी जुड़ा है।
बच्चों की यह पहल आने वाले दिनों में समाज को अधिक संवेदनशील और जागरूक बना सकती है।
सिंधीकैंप पर आयोजित यह स्वच्छता अभियान सिर्फ एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि बदलाव की एक स्थाई सोच का प्रतीक है।
बच्चों के माध्यम से स्वच्छता और पर्यावरण का यह संदेश हर नागरिक तक पहुंचे, यही इस अभियान की सबसे बड़ी सफलता मानी जा सकती है।
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