गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा—
"राजस्थान में भाजपा सरकार आने के बाद से ही RCA में चल रहे विवादों से क्रिकेट को नुकसान हो रहा है। डेढ़ साल से चुनाव नहीं हुए हैं। सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।"
उन्होंने यह भी कहा कि RCA की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है, और सरकार को तुरंत हस्तक्षेप कर संघर्ष को समाप्त कराने की जरूरत है।
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में पिछले डेढ़ साल से चुनाव नहीं हो पाए हैं। भीतरघात, कानूनी विवाद और गुटबाजी के चलते RCA की कार्यप्रणाली ठप पड़ी हुई है। खिलाड़ी और जिला क्रिकेट संघ बार-बार चुनाव की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया।
गहलोत ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि—
"राज्य के हजारों युवा क्रिकेटर्स RCA के कामकाज से जुड़े होते हैं। लेकिन पिछले डेढ़ साल से ना कोई चुनाव, ना कोई ठोस निर्णय। इस राजनीतिक खींचतान में खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर है।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को RCA विवाद में सक्रिय भूमिका निभाते हुए मध्यस्थता करनी चाहिए, ताकि लोकतांत्रिक ढंग से चुनाव हो सकें और राजस्थान क्रिकेट को स्थिरता मिल सके।
RCA में चुनाव ना होने से जुड़ा मुद्दा अब राजनीतिक रंग ले चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह बयान भाजपा सरकार के लिए एक नई चुनौती बन सकता है। देखना होगा कि सरकार इस विवाद के समाधान के लिए क्या कदम उठाती है।
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