हरीश कुमार को एक महिला ने इंस्टाग्राम पर फॉलो रिक्वेस्ट भेजी, जिसने खुद को फैशन डिजाइनर बताया।
धीरे-धीरे दोनों में चैटिंग शुरू हुई और फिर वॉट्सऐप पर पर्सनल बातचीत होने लगी।
इसके बाद आरोपी महिला ने क्रिप्टो ट्रेडिंग में तगड़े मुनाफे का दावा करते हुए हरीश को एक फर्जी वेबसाइट पर निवेश के लिए प्रेरित किया।
शुरुआत में हरीश ने जब छोटी राशि डाली, तो वेबसाइट पर उसे मुनाफा दिखाया गया।
फिर लगातार और बड़ी रकम निवेश करने को कहा गया।
कुल मिलाकर हरीश ने 57.55 लाख रुपये अलग-अलग चरणों में ट्रांसफर कर दिए।
जब पैसा वापस मांगने की बारी आई, तो कनेक्शन बंद हो गया और वेबसाइट भी एक्सेस नहीं हो पाई।
ठगी का अहसास होते ही हरीश ने प्रतापनगर सदर थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।
थाना अधिकारी ने बताया कि —
"मामला बेहद गंभीर है। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच जारी है।
आरोपी के मोबाइल नंबर, सोशल मीडिया प्रोफाइल और पेमेंट चैनल की ट्रेसिंग की जा रही है।"
किसी भी सोशल मीडिया यूजर पर आंख बंद कर भरोसा न करें।
क्रिप्टो या शेयर मार्केट में मुनाफे का झांसा देने वाले फर्जी लिंक से दूर रहें।
निवेश करने से पहले वेरिफाइड चैनल और एक्सपर्ट राय जरूर लें।
ऐसी किसी भी ठगी की जानकारी होने पर साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत संपर्क करें।
सोशल मीडिया की दोस्ती अगर लालच में बदल जाए तो बड़ा नुकसान हो सकता है।
हरीश कुमार का मामला एक चेतावनी है कि कैसे ऑनलाइन ग्लैमर और निवेश के नाम पर ठगी को अंजाम दिया जा रहा है।
सतर्कता और साइबर जागरूकता ही ऐसी घटनाओं से बचने का सबसे बड़ा हथियार है।
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