सीकर। राजस्थान के सीकर शहर में आज ईद-उल-अजहा का पर्व हर्षोल्लास और उल्लास के साथ मनाया गया। सुबह 7:15 बजे से शुरू हुई मुख्य नमाज का आयोजन ईदगाह मैदान में किया गया, जहां स्थानीय मुस्लिम समुदाय के हजारों श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से नमाज अदा की। नमाज के बाद सभी ने एक-दूसरे को गले लगाकर और मुबारकबाद देते हुए त्योहार की खुशियां साझा कीं।
इस अवसर पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने अपने संबोधन में सीकर की गंगा-जमुना तहजीब की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह तहजीब सदियों से यहां के लोगों के बीच एकता और भाईचारे का प्रतीक रही है। उन्होंने सभी समुदायों से एक-दूसरे के प्रति सद्भाव, प्रेम और सहयोग बनाए रखने का आह्वान किया।
मुख्य नमाज में स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों के लोग भी शामिल हुए। नमाज के दौरान भेद-भाव से ऊपर उठकर सभी ने एकता और भाईचारे का संदेश दिया। इमाम और मौलानाओं ने अपने वक्तव्यों में मेल-जोल, सहिष्णुता और सामाजिक समरसता की अहमियत पर जोर दिया।
सरकारी निर्देशों के अनुसार इस वर्ष भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए नमाज अदा की गई। अधिकांश श्रद्धालुओं ने मास्क पहना हुआ था और सामाजिक दूरी का ध्यान रखा गया। प्रशासन ने सुरक्षा व व्यवस्था के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया था।
सीकर में ईद-उल-अजहा का त्योहार इस बार भी सामाजिक सौहार्द और आपसी भाईचारे का बेमिसाल उदाहरण साबित हुआ। गंगा-जमुना तहजीब की समृद्ध विरासत के चलते यहां के लोग हर वर्ष इस पर्व को मिल-जुलकर मनाते हैं, जो क्षेत्र में सहिष्णुता और एकता की मिसाल है।
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