करौली : राजस्थान सरकार ने महात्मा ज्योतिबा फुले मंडी श्रमिक कल्याण योजना के अंतर्गत एक बड़ा संशोधन करते हुए कृषि उपज मंडियों में पंजीकृत श्रमिकों को बेटियों की शादी पर दी जाने वाली आर्थिक सहायता ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दी है। यह संशोधित सहायता 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो चुकी है।
इस योजना के अंतर्गत किसी पंजीकृत श्रमिक को अधिकतम दो बेटियों की शादी पर ₹75,000-₹75,000 की सहायता मिलेगी। यह सहायता सीधे लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। इच्छुक लाभार्थी शादी से एक माह पूर्व या शादी के तीन माह बाद तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ जो दस्तावेज जरूरी होंगे, वे हैं:
विवाह प्रमाण पत्र
श्रमिक का आधार कार्ड
बैंक पासबुक
पंजीयन प्रमाण
अन्य संबंधित दस्तावेज
करौली जिले में करीब 10 हजार मंडी श्रमिकों को इस योजना से सीधा लाभ मिलेगा। फिलहाल जिले की मंडियों में 152 पंजीकृत श्रमिक हैं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
इस योजना के अलावा इन श्रमिकों को प्रसूति सहायता, छात्रवृत्ति, मेधावी छात्र पुरस्कार जैसी योजनाओं का भी लाभ मिलेगा, जिससे उनके परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकेगी।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए श्रमिकों को निम्नलिखित पात्रताओं को पूरा करना होगा:
राजस्थान के मूल निवासी हों।
श्रमिक पिछले 3 वर्षों में हर साल कम से कम ₹10,000 की मजदूरी कर चुका हो।
श्रमिक की अधिकतम आयु 60 वर्ष हो।
पंजीयन मंडी समिति के तहत हम्माल, पल्लेदार या श्रमिक के रूप में होना चाहिए।
राजस्थान सरकार की यह पहल न केवल बेटियों के विवाह में आर्थिक मदद देने वाली है, बल्कि इससे राज्य के श्रमिक वर्ग का सामाजिक सम्मान भी बढ़ेगा। महात्मा फुले मंडी श्रमिक योजना में संशोधन कर इसे ज्यादा असरदार और जनहितकारी बनाया गया है।
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